स्वामी विवेकानंद के विचारों को समाज में ले जाना हमारी जिम्मेवारी
मधुपुर के महेंद्र मुनि सरस्वती शिशु विद्या मंदिर परिसर में शनिवार को स्वामी विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर पूर्व छात्र परिषद की बैठक हुई, जिसकी शुरुआत प्रधानाचार्य मदन मोहन मिश्रा, प्रभारी प्रधानाचार्य शिवनाथ झा, पूर्व छात्र अभिषेक जालान व पूर्व छात्रा सुनीता कुमारी ने संयुक्त रूप से स्वामी विवेकानंद की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित व पुष्पार्चन कर किया
मधुपुर. स्थानीय महेंद्र मुनि सरस्वती शिशु विद्या मंदिर परिसर में शनिवार को स्वामी विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर पूर्व छात्र परिषद की बैठक हुई, जिसकी शुरुआत प्रधानाचार्य मदन मोहन मिश्रा, प्रभारी प्रधानाचार्य शिवनाथ झा, पूर्व छात्र अभिषेक जालान व पूर्व छात्रा सुनीता कुमारी ने संयुक्त रूप से स्वामी विवेकानंद की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित व पुष्पार्चन कर किया. प्रभारी प्रधानाचार्य शिवनाथ झा ने कहा कि सरस्वती शिशु विद्या मंदिर ही ऐसा विद्यालय है, जहां पूर्व छात्रों के लिए सम्मान है. समय-समय पर पूर्व छात्रों के साथ गोष्ठियां और बैठकें आयोजित होती रहती है. उन्होंने कहा कि आज समय है कि पूर्व छात्र परिषद के हमारे छात्र-छात्राएं और अधिक सक्रिय हो क्योंकि आज समाज में उनकी उपयोगिता बढ़ गयी है. प्रधानाचार्य मदन मोहन मिश्रा ने कहा कि शिशु मंदिर संस्थान में पूर्व छात्र परिषद एक महत्वपूर्ण प्रकल्प है और हमें पूर्ण विश्वास रहता है कि यह प्रकल्प हमें हर तरह से सक्षम बनायेगा. चाहे वह पठन-पाठन का कार्य हो, सामाजिक कार्य हो आपदा, विपत्ति में सहायता और सहयोग करने का कार्य हो. उन्होंने कहा कि कई ऐसे अवसरों पर हमारे पूर्व छात्र परिषद के छात्र-छात्राओं ने पूरे देश को दिखाया है कि उनमें समाज के लिए कुछ कर सकने की क्षमता है और उनके संस्कार ऐसा करने को विवश कर देते हैं. स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर उनके द्वारा किए गए आह्वान पर उनके द्वारा किए गए कार्यों को समाज में ले जाना भी हमारी जिम्मेवारी है. आज हमें जयंती पर शपथ लेनी चाहिए कि उनके विचारों को हम जन-जन तक पहुंचायेंगे. तभी हमारा भारत सक्षम और विकसित भारत होगा. पूर्व छात्र विष्णु कुमार पांडे ने कहा कि मैंने विद्यालय के बाद अन्य कॉलेजों और विश्वविद्यालय में पढ़ाई की, लेकिन ऐसा वातावरण मुझे कहीं नहीं मिला. अभिषेक जालान ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि आज भी समाज में जहां भी सुना जाता है कि उनकी शिक्षा शिशु मंदिर से हुई है तो लोगों का उनके प्रति सम्मान बढ़ जाता है. सुनीता कुमारी ने कहा कि अगर संस्कार, परंपरा और संस्कृति को संरक्षित और विकसित करना हो तो शिशु मंदिर से अच्छा कोई संस्थान नहीं हो सकता क्योंकि ऐसा वह अनुभव करती है. डाॅ पायल राय ने कहा कि वे तो बाहर के राज्यों में भी पढ़ाई की किंतु इस तरह का पारिवारिक वातावरण में अन्य किसी दूसरे संस्थानों में नहीं पाया. इसके अलावा कई पूर्व छात्र-छात्राओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किया. धन्यवाद ज्ञापन पूर्व छात्र परिषद के विद्यालय प्रभारी गौतम कुमार ने किया. कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम संपन्न किया गया. ——————- स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में पूर्व छात्र परिषद की बैठक, बोले वक्ता मानवता की भावना को प्रोत्साहित करते हैं स्वामी विवेकानंद के विचार
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