एक माह से पालोजोरी सीएचसी में नहीं है टीबी की दवा, प्रखंड में निबंधित 80 मरीजों को होने लगी है परेशानी

पालोजोरी प्रखंड में टीबी की दवा नहीं मिलने पर इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को परेशानी होने लगी है. वहीं टीबी मुक्त भारत के अभियान पर भी असर पड़ने लगा है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 25, 2024 7:59 PM

पालोजोरी . देवघर जिले के पालोजोरी सीएचसी में लगभग एक माह से टीबी की दवा उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण टीबी मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं नियमित रूप से टीबी की दवा नहीं खाने से टीबी के वायरस का असर प्रभावित व्यक्ति पर बढ़ने लगता है और धीरे-धीरे मरीज पर दवा का असर नहीं होता है. ऐसे में यह बीमारी और भी ज्यादा परेशानियां पैदा करने लगता है. पालोजोरी सीएचसी में कुल 80 मरीज टीबी बीमारी से पीड़ित है और निबंधित है. इन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा 99 डोट्स की दवा दी जाती है. यह दवा नियमित रूप से मरीजों को नहीं मिल पा रही है. मरीजों की मानें तो टीबी की दवा उपलब्ध नहीं होने से सरकार द्वारा 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का सपना धरा का धरा रह जायेगा. वहीं दवा उपलब्ध नहीं होने से प्रखंड के विभिन्न गांवों में कार्यरत सहिया व सहिया साथी को भी इससे परेशानी हो रही है. टीबी मरीज लगातार सहिया से संपर्क स्थापित कर उन्हें टीबी की दवा दिलाने की मांग करते हैं. वहीं सहिया जब सीएचसी दवा लेने जाती है तो वहां दवा उपलब्ध नहीं होने की बात कह उन्हें वापस लौटा दिया जाता है. क्या कहते हैं एसटीएस एसटीएस गिरीश कुमार बताते हैं कि सीएचसी में अभी दवा उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण परेशानी हो रही है. जिले से लगातार दवा की मांग की जा रही है. वैसे मरीज जो नियमित रूप से दवा नहीं खाते है. धीरे धीरे उन मरीजों पर केट वन 99 डाट्स के रजिस्ट होने का खतरा बनने लगता है. और टीबी की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति से दूसरों को भी खतरा होता है. क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नित्यानंद चौधरी ने बताया कि टीबी की दवा की डिमांड जिले से की गयी है. इसके लिए लगातार पत्राचार भी किया जा रहा है. वैसे मरीज जो डॉट्स से रजिस्ट हो जाते है उन्हें एमडीआर दवा दी जाती है. एमडीआर दवा उपलब्ध है.

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