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चार घंटे के जटिल ऑपरेशन के बाद बचायी नवजात की जान

देवघर में डॉक्टरों की टीम ने एक नवजात बच्चे का चार घंटे का जटिल ऑपरेशन कर उसकी जान बचायी है. इससे नवजात के घरवालों के साथ ही चिकित्सा क्षेत्र में भी हर्ष है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 13, 2024 7:48 PM

देवघर. समय से पहले जन्मे बच्चे का जटिल ऑपरेशन कर डॉक्टरों की टीम ने उसकी जान बचायी. नवजात के सफल ऑपरेशन से परिजनों में खुशी का माहौल है, चिकित्सा क्षेत्र में भी हर्ष है. उक्त नवजात में ट्रेकियोइसोफेगल फिस्टुला है और मल द्वार नहीं था. एक मई को एक निजी क्लिनिक में देवघर निवासी महिला प्रिया सिंह को समय से पहले 34 सप्ताह में बच्चे ने जन्म लिया, जो पूर्ण रूप से विकसित नहीं कर पाया था. नवजात दूध नहीं पी पा रहा था और उल्टी कर देता था. मुंह से झाग निकलता था. इसके बाद परिजनों ने चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ सतीश ठाकुर के पास भर्ती कराया, जहां जांच में नवजात प्रीमेच्योर पाया गया. उसका प्राकृतिक विकास पूर्ण रूप से नहीं हो पाया था. बच्चे के भोजन की नली पेट तक विकसित नहीं हो सकी थी और फेफड़े में ही लगा रह गया. इसके अलावा बच्चे को ट्रेकियोइसोफेगल फिस्टुला भी है. बच्चे का मल द्वार भी विकसित नहीं हुआ था. इसके बाद डॉ सतीश ठाकुर ने सर्जरी का निर्णय लिया. डॉ सतीश ठाकुर के अलावा पीडियाट्रिक सर्जन डॉ सौरभ सुल्तानिया, पीडियाट्रिक डॉ रवि शेखर सिंह और एनेस्थेटिक डॉ सौरभ कुमार ने बच्चे का चार घंटे तक सफल क्रिटिकल सर्जरी किया. इस दौरान नवजात बच्चे को खाने की नली को फेफड़े से अलग कर उसे पेट तक पहुंचाया गया साथ ही मल के द्वार की नली की भी सर्जरी कर बनायी गयी. नवजात को आठ दिनों तक वेंटिलेटर पर ऑब्जरवेशन में रखा गया. इसके बाद चिकित्सकों ने नौवें दिन मां का दूध दिया गया, बाद में मल त्याग भी किया. 11 वें दिन बच्चे को छोड़ा गया. डॉ सतीश ठाकुर ने बताया कि नवजात पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ है. उन्होंने कहा कि संताल परगना में इस तरह के मामले का पहला जटिल ऑपरेशन है.

* प्रीमेच्योर बेबी में ट्रेकियोइसोफेगल फिस्टुला और मल द्वार

* देवघर के डॉक्टरों की टीम ने किया ऑपरेशन, बच्चा स्वस्थ

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