भगवान की बाल लीला घर-घर में दिखती है : विजय
मधुपुर के पंच मंदिर रोड स्थित हनुमान मंदिर के प्रांगण में आयोजन
मधुपुर. शहर के पंच मंदिर रोड स्थित हनुमान मंदिर के प्रांगण में चल रहे भागवत कथा के पांचवें दिन भगवान के बाल लीला का मनमोहक प्रसंग सुनाया गया. कथावाचक विजय कुमार पांडेय ने कहा कि शिशु से बाल रूप ईश्वर का ही रूप होता है, जो हमारे घर-घर में है. अबोध बालक के रूप में ईश्वर हमारे पास साक्षात रूप में होते हैं और दर्शन देते है. इसके बाद कथावाचक ने बाल रूप में ही मित्रों के साथ क्रीड़ा, भगवान के नटखट रूप, माखन चोरी, पूतना वध, बकासुर वध, अघासुर वध इत्यादि का भी प्रसंग सुनाया. बीच-बीच में प्रसंग के अनुसार भजन ने श्रोताओं को आनंदित किया. कथा में श्री कृष्ण का नगर छोड़ना, गोपियों का विरह वर्णन तथा रासलीला प्रसंग प्रस्तुत किया गया. इस दौरान भजन पर भक्त नृत्य करते और थिरकते नजर आये. कथा को संगीतमय बनाने में आनंद पंडित, रामजी पंडित व सुरेंद्र ने अहम भूमिका निभाया. मौके पर विनोद कुमार तिवारी समेत दर्जनों श्रद्धालु मौजूद थे.
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