करौं . देवघर जिले का ऐतिहासिक व धार्मिक गांव करौं में प्रसिद्ध धर्मराज पूजा व भोक्ता महापर्व धूमधाम के साथ संपन्न हो गया. वैशाख पूर्णिमा की देर रात तक चली यह पूजा अपने आप में अनूठी होती है. पूजा में भक्तों का दल अपनी मनौतियों की कामना करते हुए हैरतअंगेज करतब भी दिखाता है. इस दौरान भक्त और भक्तिनों ने पूजा स्थल पर देर रात धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा कराया. धर्मराज पूजा को देखने हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े पड़़े थे व पूरी रात विशेष समारोह में भोक्ताओं के हैरत अंगेज करतबों को देखकर आश्चर्यचकित होते रहे. दूसरे दिन की पूजा में भक्त सिकदर पोखर से स्नान कर कर्णेश्वर मंदिर से दंड देते हुए धर्मराज मंदिर पहुंचे. इसके बाद बाबा धर्मराज की वार्षिक पूजा पंडित हराधन शर्मा, परेश शर्मा, मलय शर्मा ने वैदिक मंत्रों के बीच की. राधाचरण पूजा में एक तरफ पुजारी झूलते हुए बाबा के आशीर्वाद स्वरुप पुष्प वर्षा करते है, जिसे पाने के लिए भक्तों में होड़ मची रही. उसके बाद भक्तिन अपने सिर पर अग्नि पिंड लिए मंदिर प्रांगण पहुंचती है. अग्नि पिंड के बाद सभी भोक्ता धर्मराज बाबा के प्रांगण में सष्टांग दंडवत देकर आगे का अनुष्ठान पूरा करने का आशीर्वाद प्राप्त करते है. अनुष्ठान के दौरान कांटों को जमीन पर बिछाया जाता है, जिस पर भोक्ता लेटकर व अंत में प्रज्वलित अग्नि को हाथों में लेकर बाबा धर्मराज को अर्पित करते और उस पर चलते है. लेकिन न तो खरोंच और न शरीर में किसी तरह का दाग होता है. बहुत सारे अनुष्ठान इस पर्व में इस पूजा में संपन्न कराये जाते है. भक्तों की मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से ही व्याधि, चर्म रोग, कुष्ठादि से मुक्ति मिलती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है