झाझा- जसीडीह के बीच 160 किमी की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन, समय की होगी बचत, यात्रियों को मिलेगा आराम
IRCTC/ Indian Railways News (देवघर) : दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेलवे खंड के बीच अब ट्रेन का परिचालन 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से होगा. यहा पूरा सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग एवं यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम मानक पर कार्य करेगा. इसको लेकर रेलवे विभाग के द्वारा ढांचागत कार्य किया जा रहा है. यह जानकारी हाजीपुर जोन के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी राजेश कुमार ने दी.
IRCTC/ Indian Railways News (देवघर) : दिल्ली-हावड़ा मुख्य रेलवे खंड के बीच अब ट्रेन का परिचालन 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से होगा. यहा पूरा सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग एवं यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम मानक पर कार्य करेगा. इसको लेकर रेलवे विभाग के द्वारा ढांचागत कार्य किया जा रहा है. यह जानकारी हाजीपुर जोन के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी राजेश कुमार ने दी.
उन्होंने बताया कि झारखंड, बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली मुख्य रेलखंड पर इसे लेकर कार्य शुरू कर दिया गया है. रेलवे ने करोड़ों रुपये की मंजूरी भी दे दी है. इसमें ईस्ट रेलवे और ईस्ट सेंट्रल रेलवे की टीम संयुक्त रूप से कार्य कर रही है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली से हावड़ा जानेवाली पूर्व मध्य रेलवे स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल और धनबाद मंडल में भी ट्रेनों का परिचालन 130 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से करने पर तेजी से कार्य किया जा रहा है. दिल्ली- हावड़ा के दूसरे रेलखंड पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन से पटना, कियूल, झाझा, आसनसोल होते हुए हावड़ा तक ट्रेन का परिचालन वर्तमान में 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से किया जा रहा है.
लेकिन, जैसे ही मिशन रफ्तार के तहत ढांचागत संरचना में सुधार हो जाता है, तो उक्त रेलखंड पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलना शुरू हो जायेगा. मिशन रफ्तार पूरी हो जाने से दिल्ली से हावड़ा की दूरी 12 घंटे में ही रेलवे यात्री तय कर पायेंगे. इससे ना सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि लोगों को आराम भी मिलेगा.
श्री कुमार ने बताया कि ढांचागत सुधार के क्रम में मिट्टी कार्य, ब्लास्ट, थिंक वेब स्विच आदि का प्रावधान शुरू कर दी गयी है और यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है. साथ ही टोटल सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम स्थापित कर कार्य करेगी.
उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक संसाधनों के नवीनीकरण मेें रेलवे ट्रैक, रेल पुल का अपग्रेड, सिग्नल प्रणाली का अत्याधुनिकीकरण के अलावा कई अन्य कार्य शामिल हैं. जिसके आधार पर पूरा सिस्टम कार्य करेगा.
Posted By : Samir Ranjan.