अमरनाथ पोद्दार.
देवीपुर प्रखंड में एक गांव ऐसा भी है जिसका नाम लेने में यहां के ग्रामीणों को झिझक होती है. झिझक भी ऐसी कि नये रिश्तेदारों, मेहमानाें सहित स्कूल व कॉलेज में बताने में शर्माते थे. यह गांव है देवीपुर प्रखंड का भैंसिया. कई बार दूसरे गांव के लोग भी भैंसिया के नाम से मजाक उड़ा देते थे. बताया जाता है कि एक बार इस गांव के एक व्यक्ति को दूसरे गांव के लोग ने मजाक में बोल दिया कि आ गया भैंसिया वाला….हालांकि इस बात पर कोई विवाद तो नहीं हुआ, लेकिन लोगों ने तब से अपने गांव का नाम बदलने का मन बना लिया. इस गांव की महिलाएं व लड़कियां अपने गांव का नाम बताने में ज्यादा असहज महसूस कर रही थी. ग्रामीणों ने ग्राम सभा के जरिये अपने गांव का नाम बदलकर नया नाम भयासपुर रखने का प्रस्ताव राजस्व विभाग व पंचायतीराज विभाग में भेजने का निर्णय लिया है. भैंसिया गांव देवीपुर प्रखंड से 12 किलोमीटर की दूरी पर है. भैंसिया गांव में मथुरापुर रेलवे स्टेशन से से पांच किलोमीटर की दूरी पर है. इस गांव की आबादी 700 के करीब है. गांव में आठवीं कक्षा तक सरकारी स्कूल है. इस गांव के छात्र-छात्राएं मधुपुर व देवीपुर में हाइस्कूल तथा कॉलेज की पढ़ाई करने जाते हैं. इससे पहले देवघर के दो गांव का नाम बदला गया था. इसमें मधुपुर प्रखंड के बिल्ली का नाम बदलकर आंबेडकर ग्राम तथा मोहनपुर प्रखंड के गांव भौं…को बदलकर मसुरिया किया गया है. ……………..पहले गांव का नाम भैंसिया रखने से काम चल जाता था. अब शिक्षा का स्तर बढ़ गया है. बच्चे पढ़ाई करने कॉलेज व अन्य संस्थान में दूसरे शहर तक जाते हैं. इस दौरान छात्रों द्वारा गांव का नाम बताने पर मजाक उड़ाया जाता है. नये रिश्तेदारी में भी इस नाम से मजाक उड़ चुका है. लगातार इस तरह के मामले आने के बाद अब भैंसिया गांव का नाम बदलकर भयासपुर रखने का निर्णय लिया गया है. ग्राम सभा के जरिये इसका प्रस्ताव सरकारी कार्यालय में भेजा जायेगा, ताकि सरकारी रिकार्ड में भी इस नाम को लाया जा सके.
– शंकर तूरी, सेवानिवृत शिक्षक, भैंसिया गांव
* देवीपुर प्रखंड के भैंसिया गांव का बदलकर रखा जायेगा भयासपुरB
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