दोस्ती की अनोखी मिसाल: जीते जी निभायी बचपन की दोस्ती, मौत में भी दिया साथ
एक के निधन की खबर सुनकर तीन घंटे के बाद दूसरे ने दम तोड़ा
सारठ. थाना क्षेत्र के मोदीबांध गांव में बुधवार को एक ऐसी घटना घटी कि पूरे गांव में चर्चा रही और दो दोस्तों की एक साथ मौत होने से मातम पसर गया. दोनों की चिता ने भी एक साथ आग पकड़ी. दरअसल, एक दोस्त केदार झा (82 वर्ष) की रांची में इलाज के क्रम में मौत की खबर जैसे ही परिजनों ने नीलकंठ झा उर्फ लीलू झा (80 वर्ष) को दी, वे एक पल के सोचने की मुद्रा में दिखते की बेहोश होकर गिर पड़े, आनन-फानन में परिजन उन्हें सारठ सीएचसी ले गये, जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया. उधर, केदार झा की अर्थी उठाने की तैयारी चल रही थी. इसी दौरान नीलकंठ झा के निधन की खबर आते ही सभी अचंभित हो गये. दूसरी ही पल दूसरे अर्थी की तैयारी की गयी और ग्रामीणों ने दोनों के अर्थी को कंधा देकर अजय नदी स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया. बताया गया कि आठ दशक से दोनों की दोस्ती गांव में अनोखी मिसाल थी. वे लोग एक साथ हाईस्कूल की पढ़ाई की. हर रोज शाम को सारठ चौक पर साथ-साथ अखबर पढ़ते थे. अंतिम यात्रा में भरत झा, भोला झा, नरेश झा, दिलीप झा, प्रदीप झा, विजय कुमार झा, मनोज झा, मंगलू झा, सोहन झा, प्रदीप कुमार सिन्हा, त्रिपुरारी झा, रितेश कुमार, मुरारी झा, संजय सिन्हा, ताराकांत झा, सोनामुनी झा समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. —————- एक के निधन की खबर सुनकर तीन घंटे के बाद दूसरे ने दम तोड़ा दोस्ती की मिसाल : केदार झा के निधन की खबर सुनकर तीन घंटे के बाद ही नीलकंठ झा ने दम तोड़ा सारठ अजय नदी घाट पर आमने-सामने हुआ अंतिम संस्कार
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है