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पार्ट टाइम जॉब के नाम पर रेलकर्मी से ठग लिये तीन लाख रुपये

साइबर ठगों के टेलीग्राम ग्रुप के टास्क स्कैम में फंसकर पश्चिम बंगाल के लिलुआ में कार्यरत जसीडीह थाना क्षेत्र निवासी एक रेल कर्मी तीन लाख रुपये से अधिक की रकम गवां बैठे. उन्हें जब अहसास हुआ, तब तक ठग अपना 'टास्क' पूरा करके निकल चुका था.

वरीय संवाददाता, देवघर : साइबर ठगों के टेलीग्राम ग्रुप के टास्क स्कैम में फंसकर पश्चिम बंगाल के लिलुआ में कार्यरत जसीडीह थाना क्षेत्र निवासी एक रेल कर्मी तीन लाख रुपये से अधिक की रकम गवां बैठे. उन्हें जब अहसास हुआ, तब तक ठग अपना ””टास्क”” पूरा करके निकल चुका था. ठगी के शिकार उक्त रेल कर्मी रविवार दोपहर बाद मामले की शिकायत देने देवघर साइबर थाना पहुंचे. उनकी शिकायत पर देवघर साइबर थाने की पुलिस जांच कर रही है. जानकारी के मुताबिक, जसीडीह थाना क्षेत्र निवासी उक्त युवक पश्चिम बंगाल अंतर्गत लिलुआ में तकनीशियन के पद पर कार्यरत हैं. बताया कि वे टेलीग्राम के जरिए स्कैम के ट्रैप में फंसे. दरअसल, 28 जुलाई को उसके मोबाइल नंबर पर घर बैठे पैसे कमाने के लिए पार्ट टाइम जॉब का एक व्हाट्सएप मैसेज मिला. मैसेज भेजने वाले ने खुद को गूगल इन इंडिया के प्रमोशन डिपार्टमेंट का एचआर बताया. कहा कि आप घर बैठे गूगल मैप के जरिये रेस्टोरेंट का रेटिंग रिव्यू लिखकर एक दिन में 5500 रुपये तक कमा सकते हैं. प्रत्येक रिव्यू पर 50 रुपये देने की बात कहीर. सहमति देने पर टेस्ट के लिए मैप का लिंक भेजा, जिसमें रेस्टोरेंट का लोकेशन था. पीड़ित ने यह टास्क पूरा कर लिया.

कैसे फंसाया जाल में:

उससे एक टेलीग्राम लिंक बनवाकर एड कराया व कुछ टास्क दिये, जो पूरा कर दिया. उससे नाम, उम्र, जॉब, व्हाट्सएप नंबर, शहर जैसी बेसिक जानकारी भी पूछी गयी. पीड़िता द्वारा टास्क पूरे किये जाने पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए अकाउंट का डिटेल्स मांगा गया, तब उसने अपना बैंक खाता का डिटेल्स भेजा. पहले 205 रुपये उसके एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया. दूसरे दिन एसएमएस के जरिये लिंक भेजकर टास्क दिया, जो उसने पूरा कर दिया, तो पुन: उसके एकाउंट में 205 रुपये ट्रांसफर किया गया. इसके बाद उसे प्रीपेड टास्क 1000 रुपये से शुरू होने की जानकारी दी गयी, जो उसने ट्रांसफर किया. उसके एकाउंट में मुनाफे सहित 1300 रुपये वापस ट्रांसफर किया गया. इसके लिए क्रिप्टो की एक वेबसाइट में उसका मेल आइडी बनवाकर 1000 रुपये में एड कराया. अलग-अलग लोगों का नाम देकर जोड़वाया व टास्क पूरा होने पर पुन: रुपये ट्रांसफर किया. फिर उसने एक वेबसाइट का लिंक भेजकर रजिस्टर करने को कहा व उसके निर्देशों का पालन करने को कहा. उसे टेलीग्राम आइडी पर कुछ टास्क पूरा करने पर 150 रुपये ट्रांसफर कर दिये. इसके बाद कुछ और प्रीपेड टास्क दिये व खाते में 58500 रुपये दिये. इसके बाद असली फर्जीवाड़ा शुरू हुआ. पहले तीन टास्क पूरा करने पर पैसे भेजे. इसके बाद राशि बढ़ाता गया और मुनाफे सहित रकम ट्रांसफर कर प्रलोभन देता गया. इसके बाद रेलकर्मी से बोला गया कि रिफंड ऑर्डर पूरा करना होगा, जो 3,60,000 रुपये होगा और पूरा करने पर 5,76,000 रुपये मिलेगा. उसके पास पैसा नहीं था, तो कहा कि पूरा नहीं करने पर उसे कोई भी पैसा नहीं मिलेगा. यह भी कहा कि टास्क का नियम है बीच में नहीं छोड़ सकते. छोड़ने पर एकाउंट फ्रीज करने की धमकी दी गयी. डर से उसने लोन लेकर रुपये लगा दिये, तो कहने लगा कि 576000 रुपये से वीआइपी नंबर ज्वॉइन करना पड़ेगा. अगर ज्वॉइन नहीं किया, तो पैसे नहीं मिलेंगे. इसके बाद रेलकर्मी ने यू-ट्यूब पर प्रीपेड टास्क सर्च कर देखा, तो पता चला कि यह टास्क स्कैम है, जिसमें फंसकर देश के लाखों लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं. मामले में साइबर थाने की पुलिस से रेलकर्मी ने कार्रवाई की मांग की है. वह 28 जुलाई से प्रीपेड टास्क स्कैम में फंसा और तीन लाख से अधिक रुपये ठगा गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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