साइबर ठगी में दो दोषियों को तीन साल की सजा, 25 हजार का जुर्माना
साइबर ठगी के मामले में विकास महरा व सुखी महरा को दोषी पाकर तीन साल की सजा सुनायी गयी. साथ ही प्रत्येक दोषियों को 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया.
विधि संवाददाता, देवघर.
एडीजे दो सह विशेष न्यायाधीश साइबर क्राइम केस अशोक कुमार (तृतीय) की अदालत में चल रहे साइबर क्राइम केस संख्या 94/2020 की सुनवाई पूरी की गयी. इस मामले में विकास महरा एवं सुखी महरा को दोषी पाकर तीन साल की सजा सुनायी गयी. साथ ही प्रत्येक दोषियों को 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. जुर्माने की राशि भुगतान नहीं करने पर अलग से तीन माह की सजा काटनी होगी. आरोपी द्वय सारठ थाना के बरदेही गांव का रहने वाला है. इन दोनों के विरुद्ध नुनदेव राय के प्रतिवेदन पर सारठ थाना में 19 फरवरी 2018 को मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें साइबर ठगी करने एवं इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धाराएं लगायी गयी थीं. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने अनुसंधान पूरी की एवं आरोप पत्र दाखिल किया. इसके बाद केस का ट्रायल हुआ. सरकारी की ओर से विशेष लोक अभियोजक शिवाकांत मंडल ने घटना के समर्थन में आठ लोगों की गवाही दिलायी एवं दोष सिद्ध करने में सफल रहे. बचाव पक्ष से अधिवक्ता शशांक शेखर पांडेय ने पक्ष रखा, लेकिन दोषमुक्त कराने में विफल रहे. क्या था मामलादर्ज मुकदमा के अनुसार आरोपियाें द्धारा सूचना तकनीकी संसाधनों के माध्यम से लोगों के बैंक एकाउंट से पैसों की ठगी झांसा देकर किया करते थे. पुलिस को सूचना मिली तो छापेमारी की एवं आरोपियाें के घर से एटीएम कार्ड, बैंक खाता, मोबाइल, लैपटॉप, नकदी आदि बरामद किया था. सारठ थाना में पदस्थापित तत्कालीन थाना प्रभारी नुनदेव राय के प्रतिवेदन पर सारठ थाना में एफआइआर दर्ज हुआ था, जिसमें विकास महरा एवं सुखी महरा को आरोपी बनाया था. ट्रायल के दौरान दोनों आरोपियाें को आइटी एक्ट की धारा 66 (सी) में दोषी पाया और उक्त सजा सुनाई गयी. इस केस में छह साल बाद फैसला आया.
——————————————एडीजे दो अशोक कुमार की अदालत से आया फैसला
जिन्हें मिली सजा:
विकास महरा व सुखी महरा, पता: बरदेही, सारठ, देवघरडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है