बासुकिनाथ में नये साल को सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम रहेगा : दुमका एसपी

बाबा दुखहरणनाथ मंदिर परिसर भंगाबांध में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ में के चौथे दिन श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के घर आनंद भया, जय कन्हैया लाल की भजनों के साथ झूम उठे.

By Prabhat Khabar News Desk | December 22, 2023 4:53 AM
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नये साल में बासुकिनाथ मंदिर में संभावित भीड़ को लेकर एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने गुरुवार को व्यवस्था का अवलोकन किया. कतारबद्ध होकर श्रद्धालु गर्भगृह में भोलेनाथ का जलाभिषेक कर सकेंगे. इससे पूर्व एसपी ने मंदिर में फौजदारी बाबा का सपरिवार पूजा-अर्चना की. उन्होंने कहा कि बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में नववर्ष के अवसर पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम किए जायेंगे. बासुकिनाथ आनेवाले श्रद्धालु सुगमतापूर्वक जलाभिषेक करके अपने घर वापस जाये. इसके लिए मंदिर प्रबंधन एवं जिला प्रशासन के द्वारा हरसंभव उपाय किये जायेंगे. मेला क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों का घूम-घूम कर निरीक्षण किया. एसडीपीओ आमोद नारायण सिंह, पुलिस निरीक्षक दयानंद साह को आवश्यक दिशा निर्देश दिया. बुधवार को उपायुक्त ए दोड्डे ने सपरिवार पूजा-अर्चना की. मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधार्थ बेहतर व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया. मौके पर एसडीपीओ, थाना प्रभारी, कुंदन झा, सारंग बाबा आदि मौजूद थे.

बाबा दुखहरणनाथ मंदिर परिसर में धूमधाम से मना श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

बाबा दुखहरणनाथ मंदिर परिसर भंगाबांध में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ में के चौथे दिन श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया. कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के घर आनंद भया, जय कन्हैया लाल की भजनों के साथ झूम उठे. श्रद्धालुओं ने आतिशबाजी कर मक्खन मिश्री के प्रसाद का भोग लगाकर वितरित किया. पंडित संजयानंद झा ने कहा कि जीवन में जब भी भगवत नाम सुनने का अवसर प्राप्त हो, उससे विमुख नहीं होना चाहिए. भागवत महापुराण के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए बताया कि जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ता है. तब-तब परमात्मा अवतार धारण करके धरती पर धर्म की स्थापना करते हैं. उन्होंने कहा कि भगवान राम ने आदर्श स्थापित किया है. वह आज भी प्रासंगिक है. कथावाचक संजयानंद झा ने अपने गूढ़ ज्ञान को सरलता से भक्तों के बीच में रखते हुए कहा कि भगवान का जो उत्सव मानता है, उसके यहां निरंतर उत्सव होता है. कहा श्रीमद्भागवत गीता से हम समाज में फैली हुई कुरीतियों से हमेशा दूर रह सकते हैं. युवा पीढ़ी को श्रीमद्भागवत कथा के साथ जोड़ना चाहिए. तभी मजबूत समाज की स्थापना होगी. कथा के सफल संचालन में पंडित आशुतोष झा, इंद्रकांत झा, मनीष झा, इंद्रमोहन, वीरेंद्र झा, ब्रजेश झा, पंडित मणिकांत मिश्र, पंडित सुधाकर झा, जटाशंकर मिश्रा, रमेश मिश्रा, मिथिलेश मिश्रा छोटू, दुखहरणनाथ मंदिर के पुजारी कारु झा, सोनू मिश्रा लगे हैं.

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