Deoghar news : 30 की उम्र के बाद कैंसर की जांच के लिए प्रारंभिक जांच को बताया जरूरी
देवघर के आइएमए हॉल में दो दिवसीय एनसीडी मॉड्यूल प्रशिक्षण के दूसरे दिन सीएचओ. एसएन, एएनएम व एमपीडब्ल्यू को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें कैंसर बीमारी के लक्षण व बचाव के बारे में बताया गया.
संवाददाता, देवघर . पुराना सदर अस्पताल स्थित आइएमए हॉल में संचालित दो दिवसीय एनसीडी मॉड्यूल प्रशिक्षण के दूसरे दिन सीएचओ, एसएन, एएनएम व एमपीडब्ल्यू को प्रशिक्षण दिया गया. इसकी अध्यक्षता जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी-सह एनसीडी सेल के नोडल पदाधिकरी डॉ मनोज कुमार गुप्ता ने किया. मौके पर प्रशिक्षक डॉ विकास कुमार और डाॅ गुडाकेश ने कैंसर के बारे में जानकारी दी और इससे बचाव के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि कैंसर, शरीर के किसी भाग में कोशिकाओं के अनियंत्रित विभाजन के कारण होता है. जब कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होनी शुरु होती है तो गांठ और शरीर के किसी अंग की असामान्य वृद्धि होने लगती है, जो कैंसर का कारण होता है. इस दौरान बच्चे दानी के मुंह के कैंसर, स्तन कैंसर और मुंह के कैंसर के बारे में सभी कर्मियों को बताया गया. उन्होंने कहा कि भारत में कैंसर मरीजों की संख्या 2012 में लगभग एक मिलियन थी, जो 2035 तक बढ़कर 1.5 मिलियन हो जायेगी. महिलाओं में बच्चेदानी के मुंह का व स्तन कैंसर सबसे ज्यादा पायी जाने वाली बीमारी है. इस दौरान कैंसरों की पहचान को लेकर प्रारंभिक जांच (स्क्रीनिंग) के बारे में बताया गया. प्रथम स्टेज में जांच में पहचान होने से इसका इलाज संभव होता है. इसीलिए सामान्य कैंसरों के लिए प्रारंभिक जांच (स्क्रीनिंग) सभी को जिसकी उम्र 30 से 65 वर्ष है को अनिवार्य रूप से कराना चाहिए. मौके पर एफएलसी रवि कुमार सिन्हा, जिला कार्यक्रम सहायक रवि चंद्र मुर्मू, प्रियंका रानी, शैलेश चंद्रा सिंह, हेमंत कुमार समेत अन्य थे.
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