व्यस्त जीवन में धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन नहीं कर पाते लोग : भरत शरण
मधुपुर में सुंदरकांड समिति आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक ने भागवत कथा की महत्ता बतायी. उन्होंने कई कथाओं को एक जोड़कर भक्तों के सामने प्रस्तुत किया.
मधुपुर . शहर के कुंडू बंगला रोड स्थित अग्रसेन भवन में शुक्रवार को सुंदरकांड समिति द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन कथावाचक भरत शरण महाराज ने भागवत कथा की महत्ता के बारे में श्रद्धालुओं को बतलाया. उन्होंने कहा कि कथा श्रवण का महत्व यह है, कि कथावाचक कई कथाओं को एक साथ जोड़ कर भक्तों के सामने प्रस्तुत करता है. आज व्यक्ति का जीवन इतना व्यस्त है कि वह विभिन्न धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन नहीं कर पाता है. लेकिन कथा प्रसंग के माध्यम से वह अपने जीवन की समस्याओं को सुलझा लेता है. उन्होंने आधुनिक समय में भागवत क्यों आवश्यक है, समाज में भागवत की भूमिका की भी जानकारी दी. उन्होंने श्रीकृष्ण के विभिन्न स्वरूप का वर्णन किया. उन्होंने सुखदेव महाराज प्रसंग का गीतों के माध्यम से श्रद्धालुओं को बताया, साथ ही नारद व व्यास जी के मिलन की कथा बतायी. भागवत कथा सुनने के लिए श्रोताओं की भीड़ देर शाम तक उमड़ती रही. पूरा कथा परिसर राधे-राधे श्री राधे के नाम से गूंजता रहा, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. कार्यक्रम के सफल आयोजन में समिति अध्यक्ष अनु बथवाल व समिति की सभी सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका रही. मौके पर स्थानीय कलाकार राधेश्याम अग्रवाल भी मौजूद थे.
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