देवघर में 67829 भवन, सिर्फ 5910 भवनों का ही हो रहा कमर्शियल यूज, निगम नहीं वसूल पा रहा टैक्स
देवघर निगम क्षेत्र की हर गली-मुहल्लों में आवासीय भवनों में दुकानें चल रहीं हैं. वहीं, कई भवनों में बड़ी तादाद में छोटे-बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान, अपार्टमेंट, किरायेदार भी हैं. निगम क्षेत्र में आवासीय भवनों का जितना व्यावसायिक उपयोग हो रहा है, उस अनुरूप निगम को टैक्स नहीं मिल पा रहा है.
देवघर निगम बनने के बाद शहर का विस्तार हुआ है. इससे देवघर की आबादी बढ़ी है और यहां रहकर कारोबार करने वालों में भी इजाफा हुआ है. वर्तमान समय में देवघर नगर निगम के रिकॉर्ड में होल्डिंग संख्या 67829 है, जिनमें व्यावसायिक होल्डिंग 1774 ही हैं, जबकि 4136 लोग ऐसे भी हैं जो आवासीय व व्यावसायिक टैक्स दोनों दे रहे हैं. निगम क्षेत्र की हर गली-मुहल्लों में आवासीय भवनों में दुकानें चल रहीं हैं. वहीं, कई भवनों में बड़ी तादाद में छोटे-बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान, अपार्टमेंट, किरायेदार भी हैं. निगम क्षेत्र में आवासीय भवनों का जितना व्यावसायिक उपयोग हो रहा है, उस अनुरूप निगम को टैक्स नहीं मिल पा रहा है. आवासीय टैक्स देकर व्यवसायिक लाभ लेने के कारण निगम को राजस्व का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है. होल्डिंग टैक्स धारकों के आंकड़े बता रहे हैं कि लोग होल्डिंग टैक्स नहीं दे रहे हैं. अब निगम इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बड़े स्तर पर अभियान चला रहा है. इसमें प्रत्येक दुकानदारों के ट्रेडिंग लाइसेंस व वहां के होल्डिंग संख्या से मिलान किया जा रहा है. इनमें कई लोग पकड़े भी गये हैं, जिन पर कार्रवाई की तैयारी है. शुक्रवार तक 25 होल्डरों के यहां नोटिस भेजा जा चुका है. दुकान व कोई प्रतिष्ठान दिखने पर जांच टीम की ओर से मकान मालिक से नक्शा मांग कर मिलान किया जा रहा है. इसके बाद संदेह होने पर मकान मालिक का नाम दर्ज कर टीम की रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
निगम की टीम कर रही जांच, कार्रवाई की तैयारी
जांच में पकड़े जाने पर लोगों से जुर्माना के साथ टैक्स वसूला जा रहा है. निगम की टीम होल्डिंग टैक्स, व्यावसायिक टैक्स व ट्रेड लाइसेंस की जांच कर रही है. वहीं, अपने घरों में किरायेदार रखने वाले, दुकानें व व्यवसायिक प्रतिष्ठान चलाने वाले, मोबाइल टावर वाले आदि भी जांच के दायरे में आयेंगे.
किरायेदार की पहचान करने में हो रही है दिक्कत
निगम टीम के लिए दुकानों की पहचान करना आसान है. सबसे अधिक परेशानी मकानों में रहने वाले किरायेदारों को लेकर हो रही है. हर घर में प्रवेश करना संभव नहीं हो पा रहा है. इसलिए बड़े घरों या अपार्टमेंट में टीम जाकर चिह्नित कर रही है.
कई भवनों में चल रहे छोटे से लेकर बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान, किराये पर दिये गये हैं घर
निगम को लग रहा राजस्व का घाटा
शुक्रवार तक 25 लोगों को भेजा जा चुका है नोटिस
कहते हैं नगर आयुक्त
नगर आयुक्त शैलेंद्र कुमार लाल कहते हैं कि लोग सारी नागरीय सुविधा लेने के बाद टैक्स देना चाहते हैं. निगम की ओर से दुकानदारों की सुविधा के लिए ट्रेड लाइसेंस बनवाने के लिए बीच-बीच में शिविर लगाया गया है. सहायक नगर आयुक्त की निगरानी में जांच अभियान चलाया जा रहा है. सभी को जांचोपरांत नोटिस भेज कर पक्ष मांगा जा रहा है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर जुर्माने के साथ टैक्स वसूली की जा रही है. शुक्रवार तक लगभग 25 लोगों को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है. इसके बाद अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.
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