Loading election data...

देवघर : कैटरिंग संचालक के नाम के फर्जी अकाउंट से 1.83 करोड़ का ट्रांजेक्शन, साइबर थाने में दी शिकायत

कोड़ाबांध बलसरा निवासी राजेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया था कि जानकारी के बगैर उसके नाम का अकाउंट खोलकर करोड़ों का लेनदेन किया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 3, 2024 12:09 AM

देवघर : जसीडीह थाना क्षेत्र के कैटरिंग वाले के नाम से एक प्राइवेट बैंक में खोले गये अकाउंट से 1.83 करोड़ के फर्जी लेनदेन करने का मामला सामने आया है. यह जानकारी कैटरिंग वाले को तब हुई, जब उन्हें जनवरी 2024 में पेनल्टी सहित 67 लाख के इनकम टैक्स का नोटिस मिला. इनकम टैक्स का नोटिस रिसीव करते ही कैटरिंग वाले के होश उड़ गये. उसने उक्त बैंक की शाखा व साइबर थाने पहुंचकर पूरे ब्योरे के साथ आवेदन देकर न्याय की गुहार लगायी है. रोहिणी निवासी उक्त कैटरिंग वाले ने बताया कि वर्ष 2011 में उसने बैंक में अपना अकाउंट खोलवाया था, जिसमें वर्ष 2014-15 तक ट्रांजेक्शन किया. इसके बाद सारे पैसे निकालकर अपने अकाउंट से लेनदेन करना छोड़ दिया. इधर, इनकम टैक्स नाेटिस रिसीव करने पर उसने पता किया, तो जानकारी हुई कि उसके कागजात सहित फोटो के साथ उक्त बैंक में दूसरा अकाउंट खोल लिया गया है, जिस पर अंकित मोबाइल नंबर देवघर कॉलेज के बगल के किसी अज्ञात व्यक्ति का है. कैटरिंग वाले के मुताबिक, उसके नाम दूसरा फर्जी अकाउंट खोलकर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा यह ट्रांजेक्शन वर्ष 2014 से 2017 के बीच में किया गया है.

पीड़िता ने बैंक पर लगाया यह आरोप

पीड़ित ने बैंक की संलिप्तता से इनकार भी नहीं किया है. मामले में जांच कर न्याय दिलाने की मांग करते हुए उसने साइबर थाने में शिकायत दे दी है. जानकारी हो कि इसी तरह के कांड में नगर थाना कांड संख्या 516/16 मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा निवासी पेड़ा दुकानदार संदीप कुमार ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी. वहीं, नगर थाना कांड संख्या 538/16 रिखिया थाना क्षेत्र के कोड़ाबांध बलसरा निवासी राजेश कुमार वर्मा ने मामला दर्ज कराया था. संदीप के नाम से उक्त प्राइवेट बैंक की देवघर शाखा में चालू खाता से 4.40 करोड़ व बचत खाता से 3.66 करोड़ रुपये का फर्जी लेनदेन उसकी जानकारी के बगैर किया गया था. वहीं कोड़ाबांध बलसरा निवासी राजेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया था कि जानकारी के बगैर उसके नाम का अकाउंट खोलकर करोड़ों का लेनदेन किया गया. आयकर विभाग द्वारा लेनदेन संबंधी नोटिस प्राप्त होने के बाद उसे यह जानकारी हुई थी.

Next Article

Exit mobile version