सोहराय पर्व को लेकर आदिवासी समुदाय में हर्ष का वातावरण
मांदर नगाड़े की थाप पर पारंपरिक वेशभूषा में आदिवासी महिला-पुरुष ने किया नृत्य
मारगोमुंडा. प्रखंड क्षेत्र के महजोरी, नावाडीह, भोड़ाडाबर, लहरजोरी, अर्जुनपुर, कासीडीह, पोड़ीदाह, सालमान्द्रा, ग्रीनजोरी, बाघशीला, डंगरा, बाघमारा, मकनपुर, टिटिचापर, टीकोपहाड़ी, बरसतिया, बनडबरा, द्वारपहाड़ी, एकद्वारा, सुगापहाड़ी, टिकोपहाड़ी, कोलखा, परसिया, लालपुर समेत अन्य आदिवासी बहुल गांवों में सोहराय पर्व को लेकर हर्ष का माहौल व्याप्त है. बताया जाता है कि सोहराय पर्व आदिवासियों का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. इसमें आदिवासी समाज खेत खलिहान प्रकृति की पूजा करते हैं. इस दौरान परंपरागत नृत्य करते हुए खूब नाचते गाते हुए पर्व को मनाते हैं. आदिवासी समाज प्रकृति पूजा खेत खलिहान और मवेशी की पूजा करते है. साथ ही अपने पूर्वजों को याद करते है. पर्व के दौरान आदिवासी महिला पुरुष मांदर की थाप पर गांव टोलों में घर-घर जाकर थिरकते हैं. घान की फसल घर खलिहान में पहुंचने के बाद पर्व को आनंद पूर्वक मनाया जाता है. इस दौरान आदिवासी महिला पुरुष पारंपरिक वेशभूषा धारण कर सुसज्जित हो कर मांदर नगाड़े की थाप पर घर-घर जाकर गीत नृत्य के माध्यम से एक दूसरे को सोहराय पर्व की शुभकामनाएं देते हैं. मौके पर उप मुखिया प्रतिनिधि नुनुलाल टुडू, सहदेव हेंब्रम, गायन टुडू, चतरू टुडू, सुभाष टुडू, सनातन टुडू, रवींद्र टुडू आदि मौजूद थे. ——————- मांदर नगाड़े की थाप पर पारंपरिक वेशभूषा में आदिवासी महिला-पुरुष ने किया नृत्य
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