देवघर: त्रिकूट रोप-वे हादसे पर हाईलेवल कमेटी ने सौंपी रिपोर्ट, अब देशभर के रोप-वे संचालन में होगा ये बदलाव

वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह और आपदा प्रबंधन सचिव डॉ अमिताभ कौशल की उच्चस्तरीय कमेटी की रिपोर्ट में रिपोर्ट में रोप-वे के संचालन में बीआइए स्टैंडर्ड के तहत तय मानकों के उल्लंघन का भी जिक्र किया गया है. कमेटी ने कुल 450 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 15, 2023 5:11 AM

रांची : देवघर में त्रिकूट पर्वत पर हुई रोप-वे दुर्घटना का कारण खराब गुणवत्ता वाला सॉफ्ट था. दुर्घटना की जांच के लिए बनी उच्चस्तरीय कमेटी ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. कोलकाता के नेशनल टेस्ट हाउस से रोप-वे में लगाये गये थर्सट बियरिंग टेस्ट और दुर्गापुर स्थित सीएसआइआर-सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से हुई ग्रेफाइट ग्रीस टेस्ट के आधार पर समिति ने सॉफ्ट की गुणवत्ता को कमतर बताया है. आम तौर पर रोप-वे दुर्घटना रस्सी के टूटने की वजह से होती है. सॉफ्ट टूटने की वजह से हुई दुर्घटना के मामले दुर्लभ हैं. इस वजह से कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अब पूरे देश में रोप-वे संचालन के लिए तय सुरक्षा मानकों में बदलाव किया जायेगा. रिपोर्ट की प्रति भारत सरकार को भी सौंपी गयी है.

रोप-वे संचालन में बीआइए मानकों का भी उल्लंघन

वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह और आपदा प्रबंधन सचिव डॉ अमिताभ कौशल की उच्चस्तरीय कमेटी की रिपोर्ट में रिपोर्ट में रोप-वे के संचालन में बीआइए स्टैंडर्ड के तहत तय मानकों के उल्लंघन का भी जिक्र किया गया है. कमेटी ने कुल 450 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट के 65 पन्नों में जांच का निष्कर्ष लिखा गया है. इसमें रोप-वे के संचालन में बीआइए स्टैंडर्ड का अनुपालन, रोप-वे डिजाइन व ऑपरेशन-मेंटनेंस से जुड़े कागजात व इसमें शामिल सभी लोगों का बयान समाहित है. रोप-वे संचालन के विभिन्न पहलुओं को रिपोर्ट में समाहित किया गया है.

क्या है मामला

10 अप्रैल 2022 को हुए देवघर के त्रिकूट पर्वत रोप-वे हादसा में तीन लोगों की मौत हो गयी थी. लोगों की जिंदगी बचाने के लिए सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था. वायुसेना, एनडीआरएफ और आइटीबीपी समेत सेना के अन्य जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद ट्रॉली में फंसे 46 लोगों को निकाला जा सका था. इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जांच कमेटी गठित की थी. कमेटी ने जांच रिपोर्ट पूरी करने में पूरे एक वर्ष का समय लिया है.

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