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देवघर : एटीएम चालू कराने का झांसा देकर करते थे ठगी, 15 आरोपी पकड़ाये

पुलिस के हत्थे चढ़े 15 साइबर आरोपियों में से पांच आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. इनमें दुबई मंडल के खिलाफ वर्ष 2022 में एक मामला साइबर थाना में दर्ज है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 7, 2023 12:19 AM

देवघर जिले के विभिन्न थानों की पुलिस के सहयोग से साइबर थाना की पुलिस ने बीते दो दिनों में साइबर अपराधियों के खिलाफ सघन छापेमारी अभियान चलाया. इस क्रम में सारवां, पालोजोरी, करौं, खागा, मोहनपुर व सोनारायठाढ़ी में छापेमारी कर 15 साइबर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इन सभी के पास से पुलिस ने 20 मोबाइल, 25 फर्जी सिम कार्ड, 08 एटीएम कार्ड व 01 क्रेडिट कार्ड बरामद किये हैं. ये आरोपी बैंक के क्रेडिट कार्ड पदाधिकारी बन कर लोगों को एटीएम बंद होने व चालू कराने के लिए सीरिज कॉल कर झांसे में लेकर ठगी करते थे. छानबीन के क्रम में पुलिस ने इन आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल की जांच करने पर देशभर में 56 से अधिक साइबर ठगी के लिंक मिले हैं.


ये आरोपी पकड़े गये

गिरफ्तार होने वाले साइबर आरोपियों में सारवां थाना के सरपत्ता निवासी अजित कुमार दास, मधुपुर थाना के आमतल्ला निवासी उपो कुमार दास, दुमका जिले के मसलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत बड़ोतेतरिया डंगाल निवासी हासिम अंसारी व पाटनपुर गांव के वसीर अंसारी, करौं थाना क्षेत्र के करहैया गांव निवासी साजिद अंसारी व मो रिजवान अंसारी, खागा थाना के दुबई मंडल, मोहनपुर थाना क्षेत्र के सिमरजोर निवासी डमरू राय, दीनदयाल राय, कालेश्वर कुमार, तिनेश कुमार, अनुज कुमार, अनुज कुमार, थाना के ही लतासारे गांव निवासी भीम कुमार, सौतम कुमार के अलावा सोनारायठाढ़ी थाना क्षेत्र के कपरवा गांव निवासी सज्जाद अंसारी के नाम शामिल हैं.

पांच का आपराधिक इतिहास

पुलिस के हत्थे चढ़े 15 साइबर आरोपियों में से पांच आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है. इनमें दुबई मंडल के खिलाफ वर्ष 2022 में एक मामला साइबर थाना में और वर्ष 2018 में दूसरा मामला पालोजोरी थाना में दर्ज है, अनिल कुमार दास के खिलाफ साइबर थाना में वर्ष 2021 में, उपो कुमार दास के खिलाफ वर्ष 2021 में साइबर थाना में, सज्जाद अंसारी के खिलाफ साइबर थाना में वर्ष 2023 में तथा दुमका के मसलिया निवासी हासिम अंसारी के खिलाफ वर्ष 2023 में ही साइबर थाना में मामला दर्ज है. फिलहाल उक्त पांचों आरोपी जमानत पर बाहर थे, मगर दोबारा साइबर ठगी के धंधे से जुड़ गये थे.

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