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झारखंड: कचरा फेंकने के विवाद में 18 साल बाद आया फैसला, 14 दोषी करार, 2 दोषियों को 7-7 साल की सजा

देवघर जिले के जसीडीह थाना क्षेत्र के खरवा गांव में हुई इस घटना को लेकर दोनों पक्षों ने 2005 में मामला दर्ज कराया था. 18 साल बाद आये इस फैसले में अदालत ने दोनों पक्षों से 14 आरोपियों को दोषी करार दिया गया. दो को सात साल की सश्रम कैद की सजा सुनायी गयी.

देवघर, फाल्गुनी मरीक कुशवाहा. कचरा फेंकने के विवाद में मारपीट की घटना को लेकर दोनों पक्षों द्वारा दर्ज कराये गये केस में बुधवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिवाकर पांडेय की अदालत से फैसला सुनाया गया. 18 साल बाद आये इस फैसले में अदालत ने दोनों पक्षों से 14 आरोपियों को दोषी करार दिया. मनोज पंडित एवं अशोक पंडित को सात-सात साल की सश्रम कैद की सजा सुनायी गयी.

18 साल बाद आया फैसला

देवघर जिले के जसीडीह थाना क्षेत्र के खरवा गांव में हुई इस घटना को लेकर दोनों पक्षों ने 2005 में मामला दर्ज कराया था. 18 साल बाद आये इस फैसले में अदालत ने दोनों पक्षों से 14 आरोपियों को दोषी करार दिया गया, इनमें से दोनों मामलों के एक-एक दोषियों को हत्या प्रयास का दोषी पाया और सात साल की सश्रम कैद की सजा सुनायी गयी. अन्य दोषियों को प्रोबेशन का लाभ देते हुए बॉन्ड पर छोड़ा गया. पहले मामले के एक दोषी मनोज पंडित को 36 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया और दूसरे मामले के एक दोषी अशोक पंडित को 11 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर अलग से मनोज पंडित को एक साल और अशोक पंडित को छह माह की सजा काटनी होगी. सभी अभियुक्त जसीडीह थाना के खरवा गांव के रहने वाले हैं.

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पहले केस में आठ लोगों को बनाया गया था आरोपी

जानलेवा हमला की घटना को लेकर जसीडीह थाना में कांड संख्या 44/2017 एक फरवरी 2017 को दर्ज किया गया था. इस केस के सूचक महेश्वर पंडित हैं. इस मामले में कुल आठ लोगों मनोज पंडित, सुरेश पंडित, अर्जुन पंडित, जितेंद्र पंडित, कमल किशोर पंडित, राजेंद्र पंडित, विकास कुमार पंडित एवं हरेंदु पंडित को आरोपी बनाया गया था. इस मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से प्रभारी लोक अभियोजक शिवाकांत मंडल ने कुल 11 लोगों की गवाही दिलायी, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता फणीभूषण पांडेय ने पक्ष रखा.

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दूसरे केस में छह को बनाया था नामजद

जसीडीह थाना में कचरा फेंकने को लेकर हुए विवाद में काउंटर केस सुरेश पंडित के बयान पर कांड संख्या 45/2017 दर्ज हुआ था. इसमें अशोक पंडित के अलावा रामचंद्र पंडित, रविंद्र पंडित, महेश्वर पंडित, निरंजन कुमार पंडित एवं प्रमोद कुमार पंडित को आरोपी बनाया गया था. अशोक पंडित को हत्या प्रयास का दोषी पाया, जबकि अन्य अभियुक्तों को सिर्फ मारपीट का दोषी पाया, जिन्हें 10 हजार के दो बंधपत्र पर चेतावनी के साथ छोड़ा गया. इस मामले में अभियोजन पक्ष से आठ लोगों की गवाही दिलायी गयी एवं दोष सिद्ध करने में सफल रहे. बचाव पक्ष से अधिवक्ता यमुना प्रसाद यादव ने पक्ष रखा, लेकिन आरोपमुक्त कराने में विफल रहे. बताया जाता है कि सूचक के कुआं के निकट आरोपी के घर की एक महिला ने कचरा फेंक दिया था. इसे लेकर विवाद बढ़ा और लाठी, रॉड, कुल्हाड़ी व अन्य हथियार निकाल कर एक दूसरे पर वार करने लगे. इस दौरान कई लोग जख्मी हो गये. जसीडीह थाना में केस और काउंटर केस दर्ज किया गया, जिसकी सुनवाई एक साथ की गयी और फैसला भी एक ही दिन सुनाया गया.

इन्हें प्रोबेशन पर चेतावनी के साथ छोड़ा

सुरेश पंडित, अर्जुन पंडित, जितेंद्र पंडित, कमल किशोर पंडित, राजेंद्र पंडित, विकास कुमार पंडित एवं हरेंदु पंडित. रामचंद्र पंडित, रविंद्र पंडित, महेश्वर पंडित, निरंजन कुमार पंडित एवं प्रमोद कुमार पंडित.

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