Deoghar news : रेलवे अंडरपास या रेल समपार फाटक निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया विरोध-प्रदर्शन
मधुपुर के नवाब मोड़ के निकट 12 गांव के सैकड़ों लोगों ने सबैजोर में रेलवे अंडरपास की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. बताया कि सबैजोर के पास अस्थायी आवागमन के रास्ते को रेलवे ने बंद कर दिया है.
मधुपुर . थाना क्षेत्र के नवाब मोड़ के निकट सबैजोर- भलुआ पहाड़ी सड़क पर 12 गांव के सैकड़ों लोगों ने सबैजोर में रेलवे अंडरपास या रेल समपार फाटक निर्माण की मांग को लेकर गुरुवार को विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने बताया कि मधुपुर-गिरिडीह रेलखंड पर रेलवे बायपास निर्माण का काम चल रहा है, जिसके कारण सबैजोर के पास अस्थायी आवागमन के रास्ते को रेलवे ने बंद कर दिया है, जिससे करीब 12 गांव के लोग प्रभावित हुए है. इन सभी गांव के ग्रामीणों के आवागमन के लिए रेलवे अंडरपास या रेल समपार फाटक का निर्माण होना चाहिए. मधुपुर-गिरिडीह रेलवे लाइन के निकट पंचायत बड़ा नारायणपुर, सुग्गापहाड़ी-टू, उदयपुरा पंचायत के पथरिया, पामरचक, भलुआपहाड़ी, नावाआहर, नावाडीह, उदयपुरा, पूर्णाडीह, दुधानी आदि गांव के रहने वाले है.
इधर हजारों आबादी के आवागमन को ध्यान में रखकर सर्वेक्षण करते हुए उपरोक्त कलवर्ट के पास एक अंडर पास निर्माण कराया जाये अथवा नवाब मोड के पास वर्तमान में जो अस्थायी आवागमन रेल लाइन पार करने के लिए बनी हुई है. उस स्थल पर रेल समपार फाटक का निर्माण कराया जाय. इससे समस्या का समाधान हो जायेगा. बताया कि ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं किया जाता तो भविष्य में सभी सड़क जाम या रेल रोको आंदोलन करने को बाध्य हो सकते हैं, जिसकी सारी जवाबदेही संबंधित प्रशासन की होगी. प्रदर्शन कर रहे हैं ग्रामीणों से सीओ यामुन रविदास ने ज्ञापन लिया और संबंधित अधिकारियों को ग्रामीणों की मांग से अवगत कराने का आश्वासन दिया. आधे घंटे तक ग्रामीण प्रदर्शन करते रहे. मौके पर जिला परिषद सदस्य फारुख अंसारी, मुखिया सैबून खातून, पंसस शमीम अंसारी, सदरे आलम, प्रेम यादव, बदरूद्दीन, शंभू प्रसाद यादव, गिरीश पंडित, मंजूर, राजेश पंडित, मो. कलाम, अबू तालिब अंसारी समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे.इस क्षेत्र की लगभग 25 हजार आबादी के आवागमन का है यह मुख्य मार्ग
बताया कि इस क्षेत्र की लगभग 25 हजार आबादी का आवागमन बड़ा नारायणपुर के नवाब मोड़ से रेल लाइन पार करके ही होता है. सभी के बच्चों का स्कूल, बाजार, बीमार को अस्पताल, रोजी-रोजगार के लिए आना जाना होता है. मधुपुर-गिरिडीह फाटक संख्या- 2 से 4 के बीच कोई रेल समपार फाटक नहीं है. रेलवे रिकार्ड में एक फाटक था. जिनकी संख्या तीन है. वह अज्ञात है और संभवतः मानवरहित है. ग्रामीण कहते है कि जिसका अता-पता उनलोगों को नहीं है. ऐसी परिस्थिति में गांव के सभी बच्चे, घर गांव में महिला, बुजुर्ग, बीमार आदि अपने रिस्क पर उपरोक्त नवाब मोड़ के पास बने रास्ते से ही रेल लाइन पार करते हैं जो कि कानूनन गलत है. अब मधुपुर-गिरिडीह रेल लाइन पर रेलवे बायपास करने का कार्य चल रहा है. ऐसे में 25 हजार आबादी के सामने अपने गांव से गिरिडीह- मधुपुर एनएच-114 ए तक आकर विभिन्न यातायात साधन लेने की विकट समस्या सामने दिख रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है