चितरा के ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग को लेकर चेकडैम निर्माण कार्य को रोका, नगाड़ा बजाकर जताया विरोध
चितरा के ग्रामीणों ने पलमा पंचायत में बन रहे चेकडैम निर्माण में अनियमितता बरतने और मुआवजे का भुगतान नहीं होने का आरोप लगाते हुए काम बंद करा दिया है. ग्रामीणों नगाड़ा बजाकर विरोध जताया और संवेदक पर कई आरोप लगाये हैं.
चितरा. देवघर जिले के चितरा थाना क्षेत्र की पलमा पंचायत स्थित जोरिया में संवेदक के द्वारा कराये जा रहे चेकडैम के निर्माण कार्य को ग्रामीणों ने शुक्रवार को रोक दिया है. नगाड़ा बजाकर विरोध दर्ज कराते हुए ग्रामीणों ने काम रोक दिया और मुआवजे की मांग की है. ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक के चेकडैम के आसपास फिनिसिंग का काम जेसीबी मशीन से कराने का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों ने काम रोकते हुए जेसीबी मशीन बंद करा दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक नशे में धुत होकर कार्य स्थल पर मौजूद रहता है और ग्रामीणों से अभद्र व्यवहार करता है. ग्रामीण सोमलाल मरांडी, बलदेव सोरेन, पांडव सोरेन, पप्पू मरांडी, बाबूजन सोरेन, विनोद मरांडी, अजीत सोरेन, लोथो मरांडी, मोनी मरांडी, मदन सोरेन, गोनोदी हेम्ब्रम, सलमा हे्म्ब्रम समेत अन्य ने कहा कि चेकडैम निर्माण में हम सभी ग्रामीणों की जमाबंदी जमीन का उपयोग किया गया है. ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से मांग किया है कि कि बकाया मुआवजा राशि का भुगतान जल्द किया जाय और शेष बचे 50 फीट गार्डवाल का भी निर्माण कराया जाये. वहीं इस संबंध में मौके पर मौजूद संवेदक से उनका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला.
निर्माण कार्य में अनियमितता का ग्रामीणों ने उठाया मसला
ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक ने मुआवजा देने का आश्वासन दिया था. कार्य पूरा होने को है लेकिन इसके बावजूद बकाया मुआवजे का भुगतान नहीं किया गया. ग्रामीणों ने बताया कि एक सौ फीट गार्डवाल बनाने की ही बात भी कही गयी थी. लेकिन एक ओर 50 फिट गार्डवाल बना दिया गया, जबकि दूसरी ओर चेकडैम बना ही नहीं. जिससे बरसात के दिनों में जमाबंदी जमीन की मिट्टी का बहने का खतरा बढ़ गया है. ग्रामीणों ने कहा कि संवेदक ने ग्रामीणों को झांसा देकर काम शुरू किया और आश्वासन देकर हम लोगों को ठगने का काम किया है. ग्रामीणों ने कहा कि निष्पक्ष जांच किया जाय तो निर्माण कार्य में कई अनियमितताओं का पता चल सकता है.