संवाददाता, देवघर. नगर निगम बनने के बाद शहरी क्षेत्र के लोगों में खुशी थी. उन्हें अधिक सुविधाएं मिलने की उम्मीद जगी थी. लेकिन लोगों की उम्मीद निराशा में बदल गयी. मामला कंबल वितरण से जुड़ा है. नगर निगम बनने के बाद प्रथम बोर्ड के समय ठंड से बचने के लिए नगर निगम की ओर से कंबल खरीदे गये थे. उस समय मेयर-डिप्टी मेयर व वार्ड पार्षदों की ओर से सरकारी और गैर सरकारी मदद से हर वार्ड में 300 से 350 तक कंबलों का वितरण किया जा रहा था. निगम के जनप्रतिनिधि अपने-अपने स्तर से जरूरतमंदों को चिह्नित कर कंबल बांटते थे. लेकिन दो साल बाद ही जिला प्रशासन से कंबल मिलने के साथ ही निगम से कंबल की खरीदारी बंद हो गयी. वहीं कंबलों की संख्या 350 से घट कर 200 पर आ गयी.
इधर निगम बोर्ड भंग होते ही इस बार निगम की ओर से शहरी क्षेत्र में हर वार्ड में 30-30 कंबल वितरित किये जा रहे है. जबकि निगम क्षेत्र के हर वार्ड में गरीबों की स्थितिअलग-अलग है. इसमें निगम में शामिल 44 गांवों में गरीबी अधिक है. इस संबंध में वार्ड नं 18 के निवर्तमान पार्षद शैलजा देवी ने बताया कि निगम बोर्ड बनने के बाद निगम की ओर से कंबल की खरीदारी कर मेयर की निगरानी में कंबल वितरण होता था. इससे कमी नहीं होती थी. जब से जिला प्रशासन ने इस देखना शुरू किया है. कंबलों की संख्या में कमी होने लगी है. पिछले दो साल से नगर आयुक्त की निगरानी में हर वार्ड के वार्ड जमादार के हाथों कंबल वितरण हो रहा है. इसमें वार्ड पार्षदों से राय या संख्या नहीं ली जाती है. इससे जरुरतमंदों तक कंबल नहीं मिलने से लोगों में काफी निराशा है.पार्षदों की मांग पर मिले था जिला से कंबल
निगम बोर्ड के समय कंबल घटने से पार्षदों की मांग पर जिला प्रशासन से कंबल मिल जाता था. बोर्ड भंग होने के बाद जिला प्रशासन से नगर निगम या वार्ड जमादार कंबल नहीं मांगता है.2022 के बाद घट रही है कंबल के लाभुकों की संख्या
2022 तक कंबल वितरण बैलेंस था. निगम की ओर से सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन कर वार्ड पार्षदों की उपस्थिति में लोगों को कंबल दिये गये. लेकिन अब वितरण के लिए कंबलों की संख्या घट गयी है.ठंड बढ़ने से वार्ड पार्षद के पास कंबल मांगने पहुंचे रहे हैं लोग
जिले में ठंड का असर अब भी जारी है. तापमान गिर रहा है. वहीं कनकनी भी फिर से बढ़ गयी है. लोगों को ठंड से बचाव के लिए कंबलों की जरूरत है. निगम की ओर से सीमित संख्या में कंबलों का वितरण हो रहा है. इससे असहायों को कंबल नहीं मिल पा रहे है. वहीं क्षेत्र के जरुरतमंद अपने-अपने वार्ड पार्षदों के पास कंबल मांगने पहुंच रहे हैं.*पहले हर वार्ड में वितरण के लिए मिलते थे 350 कंबल*अब हर वार्ड के लिए मिल रहे हैं मात्र 30 कंबल
*हर वार्ड में है गरीब लोगों की अलग-अलग स्थिति*निगम में शामिल 44 गांवों में है असहाय की संख्या काफी
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