झारखंड हाइकोर्ट ने एम्स देवघर में बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस एस चंद्रशेखर व जस्टिस अनुभा रावत चाैधरी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए प्रार्थी व प्रतिवादियों का पक्ष सुना. खंडपीठ ने एम्स से जानना चाहा कि फायर फाइटिंग के मामले में क्या प्रगति हुई है. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने चार मार्च की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की. एम्स की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पक्ष रखा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने कहा है कि एम्स देवघर में बुनियादी सुविधाओं की कमी है. उनकी ओर से एम्स के लिए पर्याप्त बिजली, पानी, पहुंच पथ, फायर ब्रिगेड वाहन आदि की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार को उचित आदेश देने की मांग की गयी है. साथ ही एम्स को राज्य सरकार के साथ पूर्व में हुए एग्रीमेंट की प्रति पेश करने को कहा गया.
शुक्रवार को देवघर डीसी विशाल सागर की अध्यक्षता में चितरा कोलियरी विस्तारीकरण को लेकर बैठक की गयी. इस दौरान राज्य सरकार के निर्देशानुसार चितरा माइंस को खनन के लिए पालोजोरी व सारठ अंचल के भवानीपुर मौजा में 2.01 एकड़, ताराबाद मौजा 0.87 एकड़, खून मौजा 28.89, एकड़, चितरा मौजा 1.58 एकड़, तुलसीडाबर मौजा में 13.83 एकड़ जमीन मिलाकर कुल 47.18 एकड़ जमीन जिला प्रशासन द्वारा हस्तांतरित प्रक्रिया पूरी की गयी. डीसी ने हस्तांतरित प्रक्रिया पूर्ण करने करते हुए माइनिंग के साथ डिस्पोजल भी बढ़ाने का निर्देश चितरा माइंस के जीएम को दिया, ताकि चितरा कोलियरी के विकास व विस्तार के साथ आसपास के लोगों के लिए रोजगार के साधन भी प्रशस्त होंगे. बैठक में चितरा माइंस के जीएम, जिला विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी सहित अन्य थे.
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