Widow Pension: देवघर में विधवा पेंशन रोकने से महिला परेशान, बैंक कर्मी बोले-पहले चुकाओ KCC ऋण

देवघर के सारठ की रहने वाली विधवा गीता देवी की मुसीबतें कम नहीं हो रही है, पहले पति का साया उठ गया, अब दो वक्त की रोटी के लिए मिल रही विधवा पेंशन पर भी बैंक वालों ने रोक लगा दी है. बैंक से मिली सूचना के बाद विधवा गीता देवी परेशान हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 15, 2022 10:39 AM

Deoghar news: देवघर के सारठ की रहने वाली विधवा गीता देवी की मुसीबतें कम नहीं हो रही है, पहले पति का साया उठ गया, अब दो वक्त की रोटी के लिए मिल रही विधवा पेंशन (Widow Pension) पर भी बैंक वालों ने रोक लगा दी है. बैंक से मिली सूचना के बाद विधवा गीता देवी परेशान हैं. रोक की जानकारी मिलने के बाद गीता देवी पंचायत की मुखिया ममता देवी के पास पहुंची और आपबीती सुनायी.

क्या है पूरा मामला

गीता ने बताया कि पिछले वर्ष अक्तूबर 2020 में उनके पति सुंदर सिंह की हत्या होने के बाद प्रखंड कार्यालय की ओर से सामाजिक सुरक्षा के तहत विधवा पेंशन (Widow Pension) की स्वीकृति मिली थी. प्रतिमाह एक हजार रुपये उसके सेंट्रल बैंक सारठ के खाता संख्या 3393048136 में आता था. जिससे वह अपने बच्चे के दो वक्त का रोटी का किसी तरह जुगाड़ करती थी. अगस्त माह तक राशि की निकासी की है. सिंतबर में बैंक जाने पर कर्मी ने भुगतान पर रोक लगने की बात बतायी. कारण पूछने पर बैंक कर्मी ने बताया कि पति सुंदर सिंह के नाम से केसीसी का कर्ज बकाया है. पति का कर्ज चुकाने के लिए पेंशन की राशि से लगातार 15 माह तक बकाया कर्जा का समायोजन होगा. इसके बाद फिर से पेंशन की राशि मिलेगी. विधवा गीता ने मृत पति के कर्ज की जानकारी नहीं होने का बात कही. कहा कि अब चिंता सताने लगी है कि पेंशन नहीं मिलने पर बच्चों के साथ अपना भरण पोषण कैसे होगा.

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मुखिया ने दिया आश्वासन

मुखिया ममता देवी, गीता देवी की समस्या का जल्द निराकरण के लिए पहल करेंगे. पेंशन व पीएम आवास की राशि को बैंक वाले कर्ज में समायोजन करने के लिए नहीं काट सकते है. यदि बैंक वाले राशि काट रहे हैं तो जानकारी लेकर पेंशन का भुगतान कराया जायेगा.

कहते हैं बैंक प्रबंधक

विधवा पेंशन की राशि एक हजार से महिला के मृतक पति के बकाया ऋण के समायोजन पर सेंट्रल बैंक के शाखा प्रबंधक स्नेहिल भारती ने कहा कि कोई बकाया ऋण होगा इसलिए पैसा कटता होगा. पूरी जांच करने के बाद ही पता चलेगा कि किस तरह के बकाये पर राशि की कटौती शुरू की गयी है.

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