चितरा. चितरा कोलियरी के विस्थापित गांव तुलसीडाबर के रैयतों व ग्रामीणों ने प्रबंधन से जमीन के बदले लंबित नौकरी व मुआवजे की मांग को लेकर दमगढ़ा आउट सोर्सिंग कंपनी की सड़क को करीब ढाई घंटे तक जाम कर ढुलाई कार्य बाधित कर दिया. साथ ही जमीन रैयत शांति देवी व बिमली देवी के परिजनों व ग्रामीणों ने कोलियरी प्रबंधन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन भी किया. हालांकि ओबी फेंके जाने वाले रास्ते में काफी देर जाम रहने के बाद कोलियरी महाप्रबंधक के आश्वासन पर सड़क जाम समाप्त कर दिया गया. इस संबंध में जमीन रैयत बिमली देवी और शांति देवी ने कहा कि तुलसीडाबर मौजा के जमाबंदी नंबर 26 में 2021 में अंचल कार्यालय सारठ से जो वंशावली बनायी गयी थी, उस दौरान वह सही थी. पर 2024 में एक पक्ष की ओर से वंशावली बनवायी गयी, जिसमें उनका नाम को गायब कर दिया. उन्होंने मांग की है कि फिर से ग्रामसभा कर वंशावली में दोनों नाम जोड़कर वंशावली निर्गत की जाये. बताया कि वर्तमान वंशावली के अनुसार एक पक्ष को नौकरी दी जा रही है, हम सभी जो आपत्ति है. जब तक उच्च न्यायालय से फैसला नहीं आ जाता तब तक जमीन के बदले किसी को भी नौकरी और मुआवजा नहीं मिलना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उक्त जमीन पर जब मेरा मालिकाना हक नहीं है तो फिर मेरे नाम से भू-अर्जन विभाग द्वारा एवार्ड कैसे बना. कहा कि ज्ञापन संख्या 645/11 एवं पत्रांक संख्या 18/ दिनांक 6/4/21 दोनों में नाम दर्ज है. जबकि वर्तमान में बनायी गयी वंशावली में हमदोनों का नाम विलोपित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक आश्रितों के नाम पर नौकरी व मुआवजा नहीं मिलता है, तब तक आंदोलन करते रहेंगे. मौके पर दुलाल यादव, मनोज यादव, भोला यादव, रोहित यादव, अब्दुल अंसारी, जलाल अंसारी, टुनटुन यादव, नेपाल मरांडी, उषा देवी, देबिया आदि मौजूद थे. ————————- विरोध-प्रदर्शन : चितरा कोलियरी के आउट सोर्सिंग कंपनी में काम ठप
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