मजदूर दिवस : चितरा कोलियरी के मजदूरों ने दिया नारा, सचेत नहीं हुए तो खत्म हो जायेंगे अधिकार
चितरा कोलियरी के मजदूरों ने मजदूर दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया और खत्म किये जा रहे अपने अधिकारों पर सवाला उठाया. इस दौरान शहीद हुए मजदूरों को भी याद किया
चितरा. चितरा कोलियरी में कार्यरत कोयला कर्मियों ने मजदूर दिवस के अवसर पर अपने अधिकारों के लिए शहीद हुए मजदूरों को याद किया, साथ ही उन्होंने चितरा के आंबेडकर चौक स्थित वर्कशॉप के मुख्य द्वार पर सभा को संबोधित किया. मौके पर मजदूर नेता पशुपति कोल, श्याम सुंदर तिवारी, दिनेश महतो, वीरेंद्र मंडल समेत अन्य ने संबोधित करते हुए कहा कि 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर में पहली बार मजदूरों ने अपने अधिकारों को लेकर शहीद साथियों को याद किया, साथ ही उन्होंने कहा कि आज ही के दिन मजदूरों ने अपने अधिकार के आवाज उठाया था, जिन्हें गोलियों से छलनी कर दिया गया था. कहा कि आज अपने अधिकारों के लिए मजदूरों को जागरूक रहने की जरूरत है. कहा कि पूर्व में मजदूरों से 12 घंटे काम लिया जाता था. मजदूरों का शोषण किया जाता था. कहा कि अगर आज मजदूर अपने अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं रहे तो मजदूरों के अधिकार छीन लिये जायेंगे. कहा कि श्रम कानून में बदलाव कर मजदूरों को मिलने वाले सुख-सुविधा को कम किया जा रहा है. कहा कि आउटसोर्सिंग के नाम पर खदानों का बड़े पैमाने पर निजीकरण किया जा रहा है. वहीं मजदूरों को बहुत कम वेतन दिया जा रहा है. कहा कि मजदूर दिवस के अवसर पर हम सभी मांग करते हैं कि सामान काम के लिए सामान वेतन मिलना चाहिए. कहा कि चितरा कोलियरी ने मजदूरों की कड़ी मेहनत के जरिये तीन करोड़ का मुनाफा अर्जित किया. कार्यक्रम में आवाज उठी कि कोलियरी में काम करने वाले सभी मजूदरों को दो- दो हजार रुपये मिलना चाहिए. वहीं कोयला कर्मियों ने आवाज दो हम एक हैं का नारा बुलंद किया. इस मौके पर शष्ठी महतो, डोमन दे, समशूल अंसारी, जाकिर अंसारी, छबोनी मरांडी, अंजू देवी, शोभा देवी, मिलोनी मंझियाइन, सोनामणी मुर्मू, लुगुमनी कुमारी, दलोसी मझियाइन, जितेंद्र मंडल, बलराम मंडल, रतन रजक, संजय राय समेत अन्य उपस्थित थे.
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