प्रतिनिधि, जसीडीह(देवघर). जसीडीह स्थित ओम सदाशिव कॉलेज ऑफ फार्मेसी में सोमवार को औषधियों के प्रतिकूल प्रभाव और सतर्कता पर एक कार्यशाला का आयोजन हुआ. कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दयानंद भौमिक ने इस कार्यशाला का उद्घाटन किया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में एम्स के सहायक व्याख्याता डॉ. श्रीसुघा टीबाई और फार्मा कॉलेज के डॉ. हंसराज उपस्थित थे. डॉ. श्रीसुघा टीबाई ने विद्यार्थियों को औषधियों के प्रतिकूल प्रभाव (एडीआर) के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अगर दवा के सेवन से रोगी को रक्तचाप में बदलाव, कंपकंपी, आवाज में परिवर्तन या शरीर में सिहरन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो, तो यह एडीआर का संकेत हो सकता है. ऐसे मामलों में तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि यदि एडीआर की शिकायत मरीजों या उनके परिवारजनों द्वारा की जाती है, तो तुरंत दवा का सेवन रोककर डॉक्टर को सूचित करना चाहिए. देवघर एम्स के फार्माकोलॉजी विभाग में एडीआर कोषांग भी स्थापित है, जहां ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट की जा सकती है. उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों में एडीआर सतर्कता कोषांग की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया. इस मौके पर कॉलेज के प्रशासनिक पदाधिकारी उदित कुमार देव, उप-प्राचार्य संतोष कुमार झा आदि मौजूद थे.
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