संवाददाता, देवघर : रिखियापीठ में योग पूर्णिमा उत्सव के दूसरे दिन पंडितों ने महामृत्युंजय होम व रुद्राभिषेक किया. दूसरे दिन देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं को इंद्रधनुष परिसर का दर्शन कराया गया है. इंद्रधनुष में परमहंस स्वामी सत्यानंद जी की पुस्तकों का श्रद्धालुओं ने अवलोकन किया. अनुष्ठान में रिखिया की कन्याओं ने कीर्तन से गुरु की आराधना की. स्वामी सत्संगी जी ने प्रवचन में गुरु व ईश्वर से भावनात्मक प्रेम के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि जीवन में गुरु का सानिध्य आवश्यक है. एक संयमित व एकाग्र जीवन के लिए गुरु का ध्यान जरूर करें. किसी भी परेशानी में गुरु की कृपा व सानिध्य से मुक्ति मिलेगी. गुरु का नियमित ध्यान करने से जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. जीवन में सकारात्मकता आने से हर कार्य आसान होता है. गुरु की कृपा से जीवन में प्रकाश आता है. गुरु व संत हमेशा दूसरों के जीवन में प्रकाश फैलाते हैं. स्वामी सत्यानंद जी ने योग, अध्यात्म व सेवा से हमेशा दूसरों के जीवन में प्रकाश फैलाया है. देश-विदेश में रहने के बाद भी स्वामी सत्यानंद जी के शिष्य नियमित रूप से अपने गुरु का ध्यान करते हैं. गुरु का ध्यान करने से हर कार्य में सफलता मिलती है. योग पूर्णिमा उत्सव में ग्रामीण महिलाओं को सिलाई मशीन व कन्याओं को साइकिल दी गयी.
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