रांची /धनबाद: राज्य के मैट्रिक व इंटर के खराब रिजल्ट वाले विषय के शिक्षकों की वेतन वृद्धि पर रोक लगेगी. शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में भेजे जायेंगे. इसके साथ ही वैसे शिक्षक जिनके विषय में रिजल्ट बेहतर हुआ है, उन्हें जिलों में समाराेह आयोजित कर सम्मानित किया जायेगा. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने मंगलवार को मैट्रिक व इंटर रिजल्ट 2017 की समीक्षा की. शिक्षा विभाग के सभागार में आयोजित बैठक में सचिव ने एक-एक कर सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी से मैट्रिक व इंटर के रिजल्ट की पूरी जानकारी ली. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने रिजल्ट खराब होने के कारणों के बारे में भी बताया.
शिक्षा सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे अपने जिला के सभी स्कूल-कॉलेजों के विषयवार रिजल्ट की समीक्षा करें. उन्होंने वैसे हाइस्कूल व प्लस टू उच्च विद्यालय जहां शिक्षक हैं, पर विद्यालय का रिजल्ट खराब हुआ है, बच्चों का पास प्रतिशत 50 फीसदी से कम है, उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा. कहा कि हाइस्कूल शिक्षकों के खिलाफ जिला स्थापना समिति के स्तर से कार्रवाई कर स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग को रिपोर्ट दें. खराब रिजल्ट वाले विषय के शिक्षकों के अधिकतम तीन व कम से कम एक वेतन वृद्धि पर राेक लगायी जा सकती है.
इसके अलावा खराब रिजल्ट वाले विषय के शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय में भेजा जायेगा. वैसे विद्यालय जहां विद्यार्थी नहीं है, वहां से भी शिक्षकों का स्थानांतरण करने को कहा गया है. इसके अलावा प्लस टू विद्यालय में खराब रिजल्ट की समीक्षा की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेजने को कहा गया है. प्लस टू विद्यालय के शिक्षकों पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा कार्रवाई की जायेगी. शिक्षा सचिव ने कार्रवाई के साथ-साथ वैसे शिक्षक जिनके विषय में रिजल्ट बेहतर हुआ है, उन्हें सम्मानित करने को भी कहा है. इसके लिए सभी जिला में शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित किया जायेगा. शिक्षकाें पर कार्रवाई व सम्मान समारोह का आयोजन 30 जून तक करने को कहा गया है. वैसे स्थापना अनुमति व प्रस्वीकृति प्राप्त हाइस्कूल व इंटर कॉलेज के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी, जिनका रिजल्ट खराब हुआ है.
बेहतर करनेवाले शिक्षक व छात्र की लगेगी होर्डिंग
वैसे शिक्षक जिनके विषय में रिजल्ट बेहतर हुआ है एवं वैसे विद्यार्थी, जिन्होंने रिजल्ट बेहतर किया है, उनकी होर्डिंग तैयार की जायेगी. संबंधित जिला के मुख्यालय व प्रखंड मुख्यालय में शिक्षक व बच्चों के फोटो व नाम के साथ होर्डिंग लगायी जायेगी. विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति में 75 फीसदी की अनिवार्यता के प्रावधान को कड़ाई से लागू करने को कहा गया. जिन जिलों में इसका पालन नहीं होगा, वहां के डीइओ के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
गोड्डा का रिजल्ट सबसे अधिक खराब
वर्ष 2017 में मैट्रिक परीक्षा में सबसे अधिक खराब रिजल्ट गोड्डा का हुआ. गोड्डा के रिजल्ट में लगभग 18 फीसदी की कमी आयी है. गोड्डा के अलावा लातेहार, सिमडेगा, हजारीबाग, गिरिडीह, साहेबगंज, सरायकेला, रामगढ़ व लोहरदगा जिलों के रिजल्ट में भी गिरावट आयी है. इन जिलों के डीइओ से पूछा गया कि क्यों ने उनके खिलाफ कार्रवाई की जाये.
प्रथम श्रेणीवाले बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी
रिजल्ट की समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी कि इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा में लगभग सभी जिलों में प्रथम श्रेणी से परीक्षा पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा विषयवार 100 में 100 अंक लानेवाले परीक्षार्थी भी बढ़े हैं. वैसा जिला जिसका रिजल्ट पहले लगातार खराब हो रहा था, उनके रिजल्ट में भी सुधार हुआ है. पाकुड़, चतरा जैसे जिलों का रिजल्ट सुधरा है.
जिला रिजल्ट
गोड्डा -18
लातेहार -10
सिमडेगा -07
हजारीबाग -05
गिरिडीह -03
साहेबगंज -02
सरायकेला -02