धनबाद-चंद्रपुरा के बीच 15 जून से नहीं चलेंगी ट्रेनें, रांची-हावड़ा शताब्दी समेत 24 ट्रेनों का परिचालन होगा प्रभावित

धनबाद : धनबाद -चंद्रपुरा रेललाईन पर 15 जून से ट्रेनों का परिचालन बंद हो जायेगा. पीएमओ ने इसका आदेश जारी कर दिया है. डीजीएमएस, जिला प्रशासन और रेलवे बोर्ड की रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की गयी है. पीएमओ के इस आदेश के साथ ही धनबाद -चंद्रपुरा रेललाईन अतीत के यादों में दफन हो जायेगी. धनबाद-चंद्रपुरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2017 1:52 PM

धनबाद : धनबाद -चंद्रपुरा रेललाईन पर 15 जून से ट्रेनों का परिचालन बंद हो जायेगा. पीएमओ ने इसका आदेश जारी कर दिया है. डीजीएमएस, जिला प्रशासन और रेलवे बोर्ड की रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की गयी है. पीएमओ के इस आदेश के साथ ही धनबाद -चंद्रपुरा रेललाईन अतीत के यादों में दफन हो जायेगी.

धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन के दोनों और घनी आबादी बसती है. धनबाद जिले के कई छोटे कस्बे गोधर, केंदुआ, कतरास, फुलवारटांड जैसे छोटे -बड़े 13 स्टेशन पड़ते हैं. रेलमार्ग के दोनों ओर कोयला खदान के अलावा बीसीसीएल की कॉलोनियां भी हैं. लिहाजा, सरकार कोई खतरा मोल लेना नहीं चाहती. इसलिए ट्रेनों का परिचालन बंद करने का फैसला किया है. हालांकि, सरकार के इस फैसले से इस रूट पर हर दिन यात्रा करनेवाले हजारों यात्री प्रभावित होंगे.

भूमिगत आग की वजह से धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन होगी डायवर्ट

डायरेक्टरेट जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी के रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने यह कार्रवाई की है. बताया जा रहा है कि आग गोविंदपुर रेलवे साइडिंग से महज 22 फीट ही दूर है. इससे हर दिन लाखों यात्रियों की जान पर खतरा मंडरा रहा होता है. इस मार्ग पर शताब्दी एक्सप्रेस, मौर्य एक्सप्रेस, कामख्या एक्सप्रेस, धनबाद -इंटरसिटी एक्सप्रेस समेत कुल 17 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती हैं.

22 मई को धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर अंतिम फैसला लेने के लिए आखिरी बैठक हुई थी. प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव एन मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई.

बैठक में कोयला सचिव सुशील कुमार, झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, डीजीएमएस के महानिदेशक पीके सरकार, डीडीजी संजीवन राय, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन सहित कई अधिकारी मौजूद थे. बैठक में धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन शिफ्ट करने के डीजीएमएस के प्रस्ताव पर सभी ने सहमति जतायी थी.

इससे पहले, मार्च में ही ईस्ट सेंट्रल रेलवे के जीएम डीके गायेन ने धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन को शीघ्र शिफ्ट करने की घोषणा की थी. हालांकि, उन्होंने इस रेल लाइन को बंद करने संबंधी कोई घोषणा नहीं की थी. उन्होंने कहा था कि नयी रेल लाइन बिछाने में पांच साल लग सकते हैं.

ज्ञात हो कि एक हाई लेवल कमेटी ने पिछले दिनों रेलवे ट्रैक और जमीन के नीचे लगी आग का जायजा लिया था. कमेटी में डीजीएमएस के डायरेक्टर जेनरल पीके सरकार, डीजीएमएस के एस राय और एचके बख्शी, बीसीसीएल के तकनीकी निदेशक डी गंगोपाध्याय, सेंट्रल इंस्टीट्यूट आॅफ माइनिंग एंड फ्यूल रिसर्च के एसएन साहा, बीसीसीएल गोविंदपुर एरिया के जीएम केसी मिश्रा, कतरास एरिया के जीएम एसके दत्त, सिजुअा एरिया के जीएम जेपी गुप्ता के अलावा कतरास, सिजुअा और लोयाबाद क्षेत्र के अधिकारी शामिल थे.

वर्षों से इस रूट पर 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चल रही थीं, क्योंकि पटरी धंसने की आशंका थी. यदि कभी अनहोनी हो जाती, तो इससे भारी नुकसान हो सकता था. झरिया के कोयला खदानों में 100 साल पहले लगी आग से पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है. स्टील के निर्माण के लिए जरूरी कोकिंग कोल बरबाद हो गये हैं, जिससे सरकार को राजस्व की भारी हानि हुई है.

ज्ञात हो कि इस रूट से 24 पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें, जिसमें हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस, , रांची-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस, गरीब रथ एक्सप्रेस, रांची-भागलपुर वांचल एक्सप्रेस शामिल हैं हर दिन गुजरती हैं. कोयले की ढुलाई करनेवाले कई रैक्स भी यहां से हर दिन गुजरते हैं.

ट्रेन सेवा से वंचित होंगे लाखों यात्री

धनबाद से चंद्रपुरा के बीच बांसजोड़ा, सिजुआ, कुसुंडा, बसुरिया, कतरासगढ़, सोनारडीह, टुंडू , बुदरा, फुलारीटांड, जमुनिया व दुग्धा स्टेशन हैं. इन स्टेशनों से प्रति दिन हजारों यात्री रेल टिकट लेकर अन्य स्थानों पर सफर करते हैं. रेलवे के आंकड़े के अनुसार प्रति वर्ष लगभग 50 लाख यात्री टिकट लेकर सफर कर रहे हैं. इससे रेलवे को लगभग 10 करोड़ रुपया से ज्यादा का राजस्व प्राप्त होता है. वहीं इसके बंद होने से रेलवे प्रशासन को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. यात्रियों की संख्या में भी भारी गिरावट आयेगी. इस रूट में कई कोयला रैक लोडिंग प्वाइंट भी हैं.

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इस रूट से गुजरनेवाली महत्वपूर्ण ट्रेनें

  • हावड़ा-रांची शताब्दी एक्सप्रेस
  • धनबाद-केरल अलप्पुझा एक्सप्रेस
  • शक्तिपुंज एक्सप्रेस
  • रांची-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस
  • रांची-भागलपुर एक्सप्रेस
  • रांची-भागलपुर वनांचल एक्सप्रेस
  • पटना-हटिया पाटलिपुत्र एक्सप्रेस
  • रांची-कामख्या एक्सप्रेस
  • रांची-दुमका इंटरसिटी
  • रांची-न्यू जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस
  • कोलकाता-अहमदाबाद एक्सप्रेस
  • हावड़ा-भोपाल एक्सप्रेस
  • धनबाद-रांची इंटरसिटी
  • धनबाद-चंद्रपुरा पैसेंजर
  • धनबाद-झारग्राम पैसेंजर

इन स्टेशनों पर पडे़गा प्रभाव : कुसुंडा, बसेरिया, बांसजोड़, सिजुआ, अंगारपथरा, कतरासगढ़, सोनारडीह, फुलवारटांड़, जमुनियाटांड़ जैसे स्टेशन प्रभावित होंगे.

आग लगने के कारण अब तक हुआ है भारी नुकसान

100 साल से जल रहे हैं धनबाद जिले के कई इलाकों के कोयला खदान

98,000 परिवार सीधे तौर पर भूमिगत आग के कारण प्रभावित हैं

50 मीट्रिक टन कोयला अब तक बरबाद हो चुका है, 2000 मीट्रिक टन कोयला का नहीं हो पायेगा खनन

3000 करोड़ रुपये का अब तक हो चुका है नुकसान

17.32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र (झरिया में) पूरी तरह से बंजर हो गया है

18 लोगों की गोड्डा जिले के ललमटिया ओपेन कास्ट माइंस में हुई मौत (30 दिसंबर, 2016 के बाद से अब तक)

कहां-कहां है खतरा

  • चंद्रपुरा-धनबाद रेल लाइन
  • ग्रांड ट्रंक रोड
  • राष्ट्रीय राजमार्ग
  • दक्षिण गोविंदपुर रेलवे साइडिंग में निकल रही हैं जहरीली गैसें

सबसे ज्यादा खतरा है यहां : सीनीडीह, सेंदरा बांसजोर और अनागरपथरा

क्या-क्या परेशानियां सामने आयेंगी

  • धनबाद-चंद्रपुरा के बीच 13 रेलवे स्टेशन और हाॅल्ट हैं. इन स्टेशनों को जानेवाले लोगों को वैकल्पिक रास्ता चुनना पड़ेगा, जिससे उनकी परेशानी तो बढ़ेगी ही, यात्रा का समय भी बढ़ जायेगा और अतिरिक्त पैसे भी खर्च करने पड़ेंगे.
  • नये रूट पर ट्रेनों का बोझ बढ़ने से रेलवे का टाइम-टेबल प्रभावित होगा.

गोमो से होकर गुजरेगी ट्रेनें, आधे घंटे देर होने की संभावना

अब नयी व्यवस्था के तहत ट्रेनें गोमो से होकर गुजरेगी. धनबाद -चंद्रपुरा पर चलने वाले ट्रेनों के परिचालन प्रभावित होगा और ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि कई ट्रेनें आधे घंटे तक देर हो जायेगी. गोमो जंक्शन में ट्रेनों का इंजन भी बदला जायेगा. गोमो वाले रूट में कई ट्रनों का समायोजन भी संभव नहीं हो पायेगा.लिहाजा भारी संख्या में ट्रेनें और यात्री प्रभावित होंगे.

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