जीएसटी के विरोध में बंद रहा कपड़े का कारोबार
धनबाद: कपड़ा पर पांच प्रतिशत प्रस्तावित जीएसटी के विरोध में गुरुवार को कपड़ा का कारोबार पूरी तरह ठप रहा. झारखंड थोक विक्रेता संघ के आह्वान पर जिले की 160 होलसेल व आठ हजार खुदरा कपड़ा दुकानों में ताला लटका रहा. बंद से लगभग चार करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ. बंद का रेडिमेड दुकानदारों ने भी […]
धनबाद: कपड़ा पर पांच प्रतिशत प्रस्तावित जीएसटी के विरोध में गुरुवार को कपड़ा का कारोबार पूरी तरह ठप रहा. झारखंड थोक विक्रेता संघ के आह्वान पर जिले की 160 होलसेल व आठ हजार खुदरा कपड़ा दुकानों में ताला लटका रहा. बंद से लगभग चार करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ. बंद का रेडिमेड दुकानदारों ने भी समर्थन किया. धनबाद जिला थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष उमेश हेलीवाल ने दावा किया है कि बंद पूरी तरह सफल रहा.
केंदुआ, करकेंद, पुराना बाजार, हीरापुर, झरिया, बैंक मोड़ आदि मार्केट की सभी कपड़ा दुकानें बंद रहीं. सरकार मांगों पर विचार नहीं करती है तो आगे चरणबद्ध आंदोलन चलाया जायेगा. बंद को सफल बनाने में धनबाद जिला थोक वस्त्र विक्रेता संघ के सचिव आजाद कृष्ण अग्रवाल, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल सक्रिय रूप से लगे हुए थे.
एक्साइज ड्यूटी की तरह सिंगल प्वाइंट पर जीएसटी लिया जाये : अध्यक्ष : धनबाद जिला थोक वस्त्र विक्रेता संघ के अध्यक्ष उमेश हेलीवाल ने कहा कि जीएसटी के लिए देश पूरी तरह तैयार नहीं है. जीएसटी के हमलोग विरोधी नहीं है. एक्साइज ड्यूटी की तरह सिंगल प्वाइंट पर ही जीएसटी लिया जाये. कपड़ा कारोबार शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी होता है. ग्रामीण क्षेत्र के कारोबारी कम पढ़े लिखे होते हैं. कागजी कार्रवाई करना उनके लिए संभव नहीं है. कपड़ा पर जीएसटी लगता है तो अफसरशाही और बेरोजगारी बढ़ेगी.
20 लाख के कारोबार पर जीएसटी में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य : जेसी
संयुक्त आयुक्त वाणिज्यकर वीके दुबे ने कहा कि फिलवक्त कपड़ा पर भी पांच प्रतिशत जीएसटी प्रस्तावित है. दो जून को कपड़ा कारोबारियों को जीएसटी की ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया था. उन्हें विश्वास था कि तीन जून को जीएसटी कौंसिल की बैठक में कपड़ा से जीएसटी हटा लिया जायेगा. लेकिन कौंसिल ने कपड़ा कारोबारियों के प्रस्ताव पर विचार नहीं किया. लिहाजा 20 लाख से अधिक का कारोबार करनेवाले कपड़ा कारोबारियों को भी जीएसटी का रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य होगा.