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दो पूर्व बैंक अधिकारी को तीन वर्ष की सजा

धनबाद. प्राइवेट लोगों से षड्यंत्र कर फरजी तरीके से प्राप्त 33 डिमांड ड्राफ्ट पर तीस लाख उनचास हजार रुपये की निकासी के मामले में शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने सजा के बिंदु पर फैसला सुनाते हुए जेल में बंद बैंक के दो पूर्व अधिकारी सोमेन चट्टोपाध्याय (पूर्व […]

धनबाद. प्राइवेट लोगों से षड्यंत्र कर फरजी तरीके से प्राप्त 33 डिमांड ड्राफ्ट पर तीस लाख उनचास हजार रुपये की निकासी के मामले में शुक्रवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ग्यारह सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने सजा के बिंदु पर फैसला सुनाते हुए जेल में बंद बैंक के दो पूर्व अधिकारी सोमेन चट्टोपाध्याय (पूर्व असिस्टेंट चीफ ऑफिसर डिलेवरी सेक्शन यूको बैंक कोलकाता) व प्रणव कुमार साहा (पूर्व असिस्टेंट मैनेजर इलाहाबाद बैंक पीरापुर धनबाद) को भादवि की धारा 120 (बी) में तीन-तीन वर्ष बीस-बीस हजार जबकि शेष धाराओं में दो-दो वर्ष की कैद व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. अंशकालिक जमानत भी अदालत ने दे दी.

वहीं अदालत ने अरुण कुमार विश्वास, स्नेहाशीष चटर्जी व गौतम चटर्जी (प्राइवेट व्यक्ति) को भादवि की धारा 120 (बी), 467, 468, 471 में दोषी पाकर चार-चार वर्ष की कैद व पांच-पांच लाख रुपये जुर्मना की सजा सुनायी. अदालत ने सभी को जेल भेज दिया. फैसला सनाये जाने के वक्त सीबीआइ के लोक अभियोजक लवकुश कुमार भी अदालत में मौजूद थे.

क्या है मामला : वर्ष 1994 में यूको बैंक धनबाद ब्रांच के सीनियर मैनेजर ने आरोप लगाया था कि यूको बैंक लुकसान ब्रांच जलपाइगुड़ी से फरजी ढंग से 30.49 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जारी किया गया है. 11 अगस्त 94 को सीबीआइ ने मामले की जांच यूको बैंक धनबाद के चीफ मैनेजर (ओ) एस गनाशेखरन की लिखित शिकायत पर शुरू की. पता चला कि अमित कुमार सरकार (प्राइवेट व्यक्ति) ने अन्य के साथ मिलीभगत कर इलाहाबाद बैंक हीरापुर से तीस लाख उनचास हजार रुपये के डिमांड ड्राफ्ट को कैश करा लिया. डीडी यूको बैंक लुकसान ब्रांच जलपाइगुड़ी द्वारा जारी बताया गया. पता चला कि उक्त बैंक ने डीडी जारी नहीं किया था. 25 जून 94 को अमित कुमार सरकार ने अपना चालू खाता नंबर 834 यूको बैंक धनबाद खुलवाया.
बच्चे के अपहरण मामले में तीन की जमानत अरजी खारिज : सरायढेला थाना क्षेत्र के एक बच्चे का अपहरण कर सात लाख रुपये फिरौती मांगे जाने के एक मामले आरोपित जेल में बंद राणा इंद्रजीत कौटिल्य उपाध्याय व प्रशांत कुमार राउत की ओर से दायर जमानत अरजी पर सुनवाई शुक्रवार को सीजेएम राजीव रंजन की अदालत में हुई. अदालत ने जमानत अरजी को खारिज कर दिया. मो जब्बाद हुसैन (एपीपी) ने जमानत का कड़ा विरोध किया. विदित हो कि मोनू नामक एक बच्चे का अपहरण हो गया था. जो आज तक घर वापस नहीं आया. पिता ने सरायढेला थाना में कांड अंकित कराया.

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