लूट का खेल. बंद हो गया रेल मार्ग, खतरनाक क्षेत्र में कैसे मिली निर्माण की अनुमति
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फायर एरिया में बन रहा 73 लाख का स्कूल
लूट का खेल. बंद हो गया रेल मार्ग, खतरनाक क्षेत्र में कैसे मिली निर्माण की अनुमति एक ओर सरकार जहां अग्नि प्रभावित इलाकों में स्कूल व अन्य संस्थाएं बंद कर रही है, वहीं ऐसे इलाकों में निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए भवन बनाया जा रहा है. धनबाद : अग्नि प्रभावित बसेरिया को खतरनाक मानते हुए […]
एक ओर सरकार जहां अग्नि प्रभावित इलाकों में स्कूल व अन्य संस्थाएं बंद कर रही है, वहीं ऐसे इलाकों में निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए भवन बनाया जा रहा है.
धनबाद : अग्नि प्रभावित बसेरिया को खतरनाक मानते हुए डीजीएमएस ने जहां धनबाद-चंद्रपुरा रेल मार्ग को बंद करा दिया है, वहीं बसेरिया स्टेशन से चंद कदमों की दूरी पर शिक्षा विभाग 73 लाख रुपये की लागत से उत्क्रमित उच्च विद्यालय का निर्माण करा रहा है. चारों तरफ आग से घिरे इस इलाके में भवन बनाने के लिए एनओसी कैसे मिला, इसे बताने से फिलहाल विभाग बच रहा है. फिलवक्त दो तल्ला भवन के निर्माण में 50 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. बता दें कि अग्नि प्रभावित होने के कारण 14 जून से कुसुंडा से लेकर चंद्रपुरा तक रेल लाइन को बंद कर दिया गया है. कुसुंडा के बाद बसेरिया स्टेशन का नंबर आता है.
भवन के बगल में बने गोफ की भराई
बसेरिया के आस-पास के लोगों ने बताया कि पिछले दिनों निर्माणाधीन स्कूल भवन के बगल में धुआं निकलने के साथ गोफ हो गया था. यहां काम करा रहे संवेदकों ने बगल की आउटसोर्सिंग कंपनी के वाहनों से ओबी गिरा कर ढंक दिया है. किसी तरह अग्नि प्रभावित इलाकों में संवेदक यहां काम करके जाना चाह रहा है. फिलहाल यहां बसेरिया उप स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी आदि भवन भी अग्नि प्रभावित इलाके में हैं. इन भवनों को भी कुछ वर्ष के अंदर ही बनाया गया है.
मामले की होगी जांच : डीइओ
डीइओ डॉ माधुरी कुमारी ने बताया कि यह वित्तीय वर्ष 2014-15 की योजना है. हालांकि बसेरिया अग्नि प्रभावित इलाका है. ऐसे में वहां भवन नहीं बनाया जा सकता है. पदाधिकारियों से इसकी रिपोर्ट मांगी थी. इसे देखेंगे, इसकी जांच की जायेगी. दो भी दोषी होंगे, सरकार को लिखा जायेगा. सरकारी पैसे का किसी भी स्थिति में दुरुपयोग नहीं होने दिया जायेगा.
अग्नि प्रभावित इलाके में भवन बनना गलत : पार्षद
वार्ड पार्षद करमी देवी ने बताया कि अग्नि प्रभावित इलाके में स्कूल भवन बनाना गलत है. यह बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ है. बीसीसीएल ने यहां एनओसी कैसे दिया, भवन कैसे बन रहा है, यह देखने-सुनने वाला कोई नहीं है. भवन का निर्माण सुरक्षित इलाके में होना चाहिए.
इलाका छोड़ रहे लोग, पुनर्वास जरूरी
बसेरिया व इसके आसपास कभी बड़ी आबादी रहती थी. इलाके की अपनी ख्याति थी. तिवारी बस्ती, धरियाजोबा सहित कई बस्ती के लोग दूसरे जगह शिफ्ट हो गये हैं. भूमिगत आग के कारण यहां आये दिन छोटी-मोटी भू-धंसान की घटना होती रहती है. इलाके के कई समर्थ लोग सुरक्षित स्थान पर चले गये हैं. लेकिन गरीब व रोज कमाने खाने वाले लोग यहां बचे हैं. इन लोगों को पुनर्वास के लिए सुरक्षित स्थान चाहिए. जहां रोजगार के मौके भी मिले.
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