जिन दो स्कूलों का चयन शिफ्टिंग के लिए किया गया है, वहां भी स्कूल संचालन में स्कूल प्रबंधन को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. यही नहीं इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी 9-12वीं कक्षा तक के संचालन में दिक्कतें आ सकती हैं. सनद हो कि कामधेनु पेट्रोल पंप के निकट स्थित भूमि पर चर्चा वर्ष 2015 में जिला प्रशासन के साथ बैठक में हुई थी. भूमि के चयन के बाद उसका भौतिक निरीक्षण किया गया था. आरएसपी को प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन उसने ठुकरा दिया था. इसके बाद स्कूल ने भूमि स्वीकार करने की बात कही थी.
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झरिया राज प्लस टू की स्थायी शिफ्टिंग पर फिलहाल निर्णय नहीं
धनबाद: झरिया राज प्लस टू हाइ स्कूल, झरिया को तत्काल दो विद्यालयों में शिफ्ट किया जायेगा, लेकिन स्थायी व्यवस्था के तहत स्कूल कहां शिफ्ट होगा अभी तक तय नहीं हो पाया है. स्कूल प्रबंधन की ओर से उपायुक्त एवं डीइओ को कामधेनु पेट्रोल पंप के निकट 2.9 एकड़ भूमि होने का प्रस्ताव दिया गया था, […]
धनबाद: झरिया राज प्लस टू हाइ स्कूल, झरिया को तत्काल दो विद्यालयों में शिफ्ट किया जायेगा, लेकिन स्थायी व्यवस्था के तहत स्कूल कहां शिफ्ट होगा अभी तक तय नहीं हो पाया है. स्कूल प्रबंधन की ओर से उपायुक्त एवं डीइओ को कामधेनु पेट्रोल पंप के निकट 2.9 एकड़ भूमि होने का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर आगे कुछ होता नहीं दिख रहा है.
तत्काल यहां होना है शिफ्ट : मध्य विद्यालय इंडस्ट्री, झरिया में 19 कमरे हैं. यहां हाई स्कूल का संचालन किया जायेगा. यहां से वहां से 200 मीटर पर उत्क्रमित मवि भगतडीह है, जहां इंटरमीडिएट की कक्षाओं का संचालन किया जायेगा. मवि इंडस्ट्री में ही स्कूल का कार्यालय भी चलेगा. हालांकि मवि इंडस्ट्री को मॉडल स्कूल बनाने का निर्णय भी लिया गया है.
कहां कितने विद्यार्थी : झरिया राज प्लस टू स्कूल में लगभग दो हजार छात्र-छात्राएं हैं. वहीं मध्य विद्यालय इंडस्ट्री में भी करीब 500-600 विद्यार्थी हैं. इससे कम विद्यार्थी भगतडीह में हैं. झरिया राज में 11-12वीं के तीनों संकाय के अलावा दो वर्षीय व्यावसायिक शिक्षा के कोर्स भी संचालित होते हैं, जिसमें माइनिंग जियोलॉजी, सेरीकल्चर, पॉल्ट्री प्रोडक्शन शामिल है. इसके अलावा स्किल डेवलपमेंट के तहत दो ट्रेड मीडिया एंड इंटरटेंमेंट एवं हेल्थ केयर पर कोर्स संचालित हैं. यह अतिरिक्त विषय के रूप में 9-12वीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाया जाता है.
जिले का प्राचीनतम स्कूल है झरिया राज प्लस टू
झरिया राज प्लस टू के पुराने भवन में 28-29 कमरे थे, जिसमें सात कमरे बड़े हॉल जैसे थे और यहां इंटर की पढ़ाई होती थी. स्कूल की स्थापना वर्ष 1866 में हुई थी. वर्ष 1901 में कलकत्ता यूनिवर्सिटी से बांग्ला स्कूल की मान्यता मिली थी. वर्तमान में जिस भवन में आरएसपी कॉलेज संचालित है, वह किसी जमाने में झरिया राज प्लस टू का छात्रावास हुआ करता था. वर्ष 1951 में आरएसपी कॉलेज की स्थापना की गयी थी. झरिया राज प्लस टू स्कूल को बिहार सरकार से 1957 प्रस्वीकृति मिली थी.
स्कूल की ओर से भूमि होने संबंधित कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. प्रस्ताव मिलने के बाद वहां उपलब्ध जमीन को देखेंगे. पता चला कि संबंधित भूमि स्कूल के समीप ही है. ऐसा है तो अच्छा है.
सत्येंद्र कुमार, एडिशनल कलेक्टर
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