हत्या के वक्त घटनास्थल के पास थे संजीव

धनबाद: सीजेएम कोर्ट में बुधवार को दाखिल आरोप पत्र में पुलिस ने कहा है कि वारदात के वक्त विधायक संजीव सिंह घटनास्थल के आस-पास थे. पुलिस ने नीरज सिंह के भाई अभिषेक उर्फ गुड्डू के उस बयान की तस्दीक की है जिसमें उसने कहा था कि संजीव को उसने हथियार के साथ मौका-ए-वारदात पर देखा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2017 8:53 AM
धनबाद: सीजेएम कोर्ट में बुधवार को दाखिल आरोप पत्र में पुलिस ने कहा है कि वारदात के वक्त विधायक संजीव सिंह घटनास्थल के आस-पास थे. पुलिस ने नीरज सिंह के भाई अभिषेक उर्फ गुड्डू के उस बयान की तस्दीक की है जिसमें उसने कहा था कि संजीव को उसने हथियार के साथ मौका-ए-वारदात पर देखा था. इसके अलावा पुलिस ने मोबाइल फोन से हत्यारों की बातचीत का ब्योरा और उनके धनबाद ट्रेन से आने-जाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी है.
हत्या में इनकी भी संलिप्तता: चार्जशीट में संतोष, पंकज कुमार सिंह, सोनू उर्फ कुर्बान अली, विजय सिंह उर्फ सागर सिंह, सतीष, मोनू व रिंकू (सभी यूपी के अपराधी) की भी हत्याकांड में संलिप्तता बतायी गयी है. कुर्बान धनबाद जेल, विजय यूपी के प्रतापगढ़ जेल तथा रिंकू सिंह मिर्जापुर जेल में बंद है. पंकज यूपी के सुल्तानपुर लंभुआ का निवासी है. उसके खिलाफ गिरफ्तारी वांरट जारी है. पुलिस अब इश्तेहार व कुर्की वारंट लेने की तैयारी में है. पंकज व संतोष को विधायक संजीव का करीबी बताया गया है. पंकज पर शूटरों को हायर कर बुलाने, हथियार उपलब्ध कराने, धनबाद में ठहराने व हत्या के बाद भगाने का आरोप है. पंकज को स्व. रंजय का करीबी बताया गया है. नीरज के पहले रंजय की कुसुमाटांड़ में हत्या हुई थी.
क्या है आरोप : चार्जशीट में आरोप है कि विधायक संजीव ने पारिवारिक संपत्ति विवाद व राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते अपने चचेरे भाई नीरज सिह की हत्या करायी है. यूपी के बलिया जिला स्थित गोनिया छपरा की संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है. बलिया में संजीव व नीरज के बीच विवाद हुआ था. जनता मजदूर संघ का दो गुट है. नीरज पिछले विधानसभा चुनाव में संजीव सिंह के प्रतिद्वंद्वी थे. नीरज का राजनीतिक कद लगातार बढ़ रहा था, इस कारण संजीव को परेशानी हो रही थी. विधायक के खासमखास रंजय सिंह की हत्या भी नीरज की हत्या का एक कारण है.
430 पन्नों की केस डायरी : पुलिस की केस डायरी अभी तक 430 पन्नों की है. पुलिस ने डब्लू मिश्रा, धनजी सिंह, संजय सिंह, पिंटू सिंह, अमन सिंह से पूछताछ में मिली जानकारी व स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर विधायक पर हत्या की योजना बनाने व षडयंत्र रचने का आरोप लगाया है.
49 गवाहों का बयान : पुलिस ने अनुसंधान में वादी पक्ष से पूर्व मंत्री बच्चा सिंह, नीरज के अनुज अभिषेक सिंह, एकलव्य सिंह, पत्नी पूर्णिमा सिंह, मां सरोजिनी सिंह, आदित्य राज, विनोद साह, पप्पू यादव, अमरजीत कुमार सिंह समेत स्टील गटे के दर्जन भर दुकानदारों, पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक समेत 49 लोगों का बतौर गवाह बयान दर्ज किया है.
कब क्या हुआ
सरायढेला स्टील गेट पर 21 मार्च की शाम को नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या हुई.
सरायढेला थाना में नीरज के अनुज अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू सिंह की शिकायत पर 23 मार्च को (कांड संख्या 48-17) विधायक प्राथमिकी दर्ज करायी गयी.
29 मार्च को विधायक के करीबी जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, निजी बॉडी गार्ड धनजी सिंह और अनुसेवक संजय सिंह गिरफ्तार किये गये.
30 मार्च को तीनों को जेल भेजा गया.
पुलिस रिकार्ड में 10 मार्च को समस्तीपुर से डब्लू मिश्रा की गिरफ्तारी दिखायी गयी है.
विधायक ने किया सरेंडर. पुलिस ने डब्लू व विधायक को 11 अप्रैल को जेल भेजा.
यूपी एसटीएफ ने तीन मई को मिर्जापुर में शूटर अमन को उसके सहयोगी के साथ हथियार समेत गिरफ्तार किया. अमन को मिर्जापुर पुलिस ने चार मई को आर्म्स एक्ट में जेल भेजा. धनबाद पुलिस प्रोडक्शन वांरट पर सात मई को धनबाद लायी. अमन को आठ मई को धनबाद जेल भेजा गया.
अमन का टीआइ परेड नौ मई को जेल में कराया गया. आदित्य राज ने अमन को पहचाना.
पुलिस ने केस डायरी 27 मई को प्रधान जिला व सत्र न्यायधीश की अदालत में सौंपी. धनजी व डब्लू मिश्रा की जमानत अरजी खारिज की कोर्ट ने.
धनबाद पुलिस ने यूपी एसटीएफ के सहयोग से शूटर कुर्बान अली उर्फ सोनू को 23 जून को वाराणसी में दबोचा. पुलिस ने 24 जून को सोनू को कोर्ट में पेशी के बाद धनबाद जेल भेजा.
शूटर विजय सिंह उर्फ सागर सिंह उर्फ शिबू प्रतापगढ़ में 23 जून को गिरफ्तार किया गया. स्थानीय पुलिस ने आर्म्स एक्ट व जालसाजी में जेल भेजा.पुलिस कोर्ट में 28 जून को विधायक समेत छह के खिलाफ चार्जशीट सौंपी.
फ्लैश बैक
21 मार्च की शाम फार्चूनर सवार नीरज सिंह झरिया से धनबाद अपने रघुकुल आवास लौट रहे थे. स्टील गेट में अपराधियों ने गाड़ी में आगे की सीट पर बैठे नीरज सिंह, ड्राइवर घोल्टू महतो, पीछे बैठे निजी सहायक अशोक यादव, निजी बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी की गोली मार कर हत्या कर दी. सबसे पीछे की सीट पर बैठा आदित्य राज बाल-बाल बच गया. नीरज के अनुज अभिषेक सिंह उर्फ गुड्डू सिंह ने विधायक संजीव सिंह, उनके भाई मनीष सिंह, पिंटू सिंह, गया सिंह, महंथ पांडेय के खिलाफ षडयंत्र रचकर हत्या करने का आरोप लगाते हुए सरायढेला थाना में कांड संख्या 48-17 के तहत केस दर्ज कराया था.

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