एमजीबी में 18.2 फीसदी बढ़ोतरी का ऑफर यूनियनों ने ठुकराया
कोल इंडिया. जेबीसीसीआइ-10 की दो दिवसीय बैठक कोलकाता में शुरू धनबाद : 10-जेबीसीसीआइ की दो दिवसीय बैठक कोल इंडिया मुख्यालय, कोलकाता में गुरुवार को शुरू हुई. पहले दिन प्रबंधन ने मिनिमम गांरटी बेनीफिट (एमजीबी) में 18.20 प्रतिशत का ऑफर दिया, जिसे यूनियन नेताओं ने एक स्वर से नकार दिया. कहा कि 25 प्रतिशत से कम […]
कोल इंडिया. जेबीसीसीआइ-10 की दो दिवसीय बैठक कोलकाता में शुरू
धनबाद : 10-जेबीसीसीआइ की दो दिवसीय बैठक कोल इंडिया मुख्यालय, कोलकाता में गुरुवार को शुरू हुई. पहले दिन प्रबंधन ने मिनिमम गांरटी बेनीफिट (एमजीबी) में 18.20 प्रतिशत का ऑफर दिया, जिसे यूनियन नेताओं ने एक स्वर से नकार दिया. कहा कि 25 प्रतिशत से कम किसी सूरत में मंजूर नहीं होगा. बैठक की अध्यक्षता कोल इंडिया चेयरमैन एस भट्टाचार्य ने की.
आज प्रबंधन की ओर से वेतन समझौता को लेकर कई प्रस्ताव दिये गये. कहा गया कि देश के अन्य पब्लिक सेक्टर के वेतन व भत्तों का अनुसरण करते हुए न्यूनतम लाभ बेसिक व महंगाई भत्ता को जोड़ कर दिया जायेगा. इसके अलावा नौवा वेतन समझौता के विशेष भत्ता को भी मूल वेतन से भी जोड़ा जायेगा. हाजिरी बोनस, विशेष महंगाई भत्ता एवं विशेष भत्ता को समाहित कर 16 फीसदी तक रखा जायेगा. प्रबंधन द्वारा पूर्व की बैठक में वेज व भत्ते को लेकर तीन हजार करोड़ का प्रस्ताव दिया
गया था. इसका अलग-अलग मदों में राशि का ब्यौरा दिया. इसमें पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकेयर स्कीम में 164 करोड, पेंशन मद में 923 करोड़ और वेतन व भत्ता में 1923 करोड़ का प्रस्ताव है. कहा कि इसी वेतन मद में (एमजीबी) में बढ़ोतरी करना चाहते हैं. बैठक में कोल इंडिया के डीपी समेत अन्य अधिकारी, सभी सीएमडी के अलावा बीएमएस के डाॅ बीके राय, प्रदीप दत्ता, बीके राय, वाइएन सिंह, बिंदेश्वरी प्रसाद, सीटू के डीडी रामनंदन, वंशगोपाल चौधरी, जेएस सोढ़ी, एचएस बेग, मानस चटर्जी, एटक के रमेंद्र कुमार, लखनलाल महतो, एचएमएस के रियाज अहमद अादि उपस्थित थे.
बैठक में प्रभारी डीपी एवं डब्ल्यूसीएल के सीएमडी आरआर मिश्रा, डीटी शेखर शरण, डीएफ सीके डे, एसीसीएल, एमसीएल, इसीएल एवं एनसीएल के सीएमडी, इसीएल, एमसीएल एवं सिंगरैनिज कोल कंपनी के डीपी के अलावा यूनियन की ओर से एटक के रमेंद्र कुमार, लखनलाल महतो, बीएमएस के डाॅ. बसंत कुमार राय, पीके दत्त, एचएमएस के राजेश कुमार सिंह, सीटू के डीडी रामानंदन के अलावा कई सदस्य बैठक में उपस्थित थे. एचएमएस के नाथुलाल पांडेय, संजीव सिंह व सीटू के बी चौधरी अनुपस्थित रहे.
आज की बैठक में पेंशन मामले पर होगी चर्चा, लग सकती है मुहर
वेतन व भत्तों के लिए ड्राफ्ट कमेटी गठित
बैठक में वेतन व भत्तों को लेकर मसौदा तैयार करने के लिए ड्राफ्ट कमेटी का गठन किया गया. इसमें प्रबंधन की ओर से आरआर मिश्रा, एके झा, बीआर रेड्डी, डीके घोष, डाॅ आरएस झा और आर पवित्रन कुमार के अलावा यूनियन की ओर से रमेंद्र कुमार, डाॅ डीके राय, नाथुलाल पांडेय, डीडी रामानंदन के अलावा सभी के साथ एक-एक सहयोगी शामिल रहेंगे. यह कमेटी जेबीसीसीआइ की अगली बैठक के पहले अपनी रिपोर्ट सबमिट करेगी. इसके अलावा 9:3:0, 9:4:0 और 9:5:0 धाराओं के लिए भी एक कमेटी गठित की गयी, जिसे अगली बैठक में रखा जायेगा. इस कमेटी में यूनियन की ओर से लखनलाल महतो, श्रीनिवास राव, एचएस बेग को शामिल किया गया है. 15 दिन के अंदर इस संबंध में कमेटी को अनुशंसा देनी है. वहीं वेतन समझौता-नौ के जो भी मामले लंबित हैं, उसकी सूची 10 जुलाई 2017 तक प्रबंधन को देनी है. आज की बैठक में विभागीय सुरक्षाकर्मी के कैडर स्कीम में संशोधन करते हुए सुरक्षा प्रहरी बनने वाले लोगों की उम्र की बाध्यता सीमा समाप्त कर दी गयी. शुक्रवार की बैठक में पेंशन पर मुहर लगने की संभावना है.
घाटे वाली कोलियरियों को बंद करना होगा
प्रबंधन ने स्पष्ट कहा कि अगर वेतन व भत्तों में बढ़ोतरी चाहते हैं तो हर हाल में हमें घाटे वाली कोलियरियों को बंद करना होगा. मजदूरों के संडे, ओटी के अलावा बिजली मद में अनधिकृत रूप से किये जा रहे उपयोग पर पाबंदी लगानी होगी. इससे कोल इंडिया को इससे 11 सौ करोड़ रुपये की बचत होगी. इस राशि की बचत करने दिया गया तो वेतन व भत्तों को बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं. इस प्रकार प्रबंधन द्वारा दिये गये मेडिकेयर स्कीम, पेंशन व वेत्तन व भत्तों की राशि को मिलाने से कुल वृद्धि 10.97 फीसदी आती है. प्रबंधन ने यह भी कहा कि अगर वेतन व भत्तों में साढ़े तीन हजार करोड़ रुपये देते है तो यह राशि 12.73 फीसदी होगी. चार हजार करोड़ रुपये देने पर 14.58 फीसदी, साढ़े चार हजार करोड़ रुपये देने पर 16.44 फीसदी और पांच हजार करोड़ रुपये देने पर 18.20 फीसदी की वृद्धि होगी. बैठक ने यूनियन प्रतिनिधियों ने प्रबंधन से सवाल किया कि क्या वेतन व भत्तों में पांच हजार करोड़ के प्रस्ताव को मान लिया जाये. इस पर प्रबंधन की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया.