ननकाना साहेब की यात्रा के लिए बढ़ेगा झारखंड से वीजा

धनबाद : ननकाना साहेब सिखों का सबसे प्रमुख तीर्थस्थलों में एक है. सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव जी का जन्म स्थान है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित इस तीर्थस्थल में देश व दुनिया भर से सिख पहुंचते हैं. लेकिन झारखंड से कोटा के हिसाब से हर वर्ष के लिए 36 यात्रियों को ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2017 11:57 AM
धनबाद : ननकाना साहेब सिखों का सबसे प्रमुख तीर्थस्थलों में एक है. सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव जी का जन्म स्थान है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित इस तीर्थस्थल में देश व दुनिया भर से सिख पहुंचते हैं. लेकिन झारखंड से कोटा के हिसाब से हर वर्ष के लिए 36 यात्रियों को ही वीजा मिल पाता है. ऐसे में काफी संख्या में श्रृद्धालु वंचित रह जाते हैं. इस बार इसकी संख्या बढ़ायेगी जायेगी. ये बातें प्रभात खबर से विशेष बातचीत में राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष गुरुदेव सिंह राजा ने परिसदन में कही.

उन्होंने कहा कि सिख समुदाय की मांग है कि कम से कम कोटा बढ़ा कर पांच सौ कर दिया जाये. इस पर सरकार विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि 16 जुलाई से सिखों का पावन माह सावन शुरू हुआ है. इस पर झारखंड के जिलों में जाकर सिखों से मिल रहे हैं, उन्हें बधाई के साथ उनकी समस्याएं सुन रहे हैं. रविवार को बैंक मोड़, कतरास व सोमवार को झरिया के गुरुद्वारा कर सिख समुदाय से मिले. मौके पक जमशेदपुर गुरुद्वारा के कुलविंदर सिंह, हरदयाल सिंह, बलवंत सिंह, महेंद्र सिंह, त्रिलोक सिंह, अजीत गंभीर, सरदार सेवा सिंह, सरदार दर्शन सिंह, राजेंद्र सिंह राजू, सतपाल सिंह ब्रोका आदि मौजूद थे.

झारखंड में 5-6 लाख सिख समुदाय : श्री राजा ने कहा कि झारखंड में 5-6 लाख सिख समुदाय के लोग हैं, लेकिन इसकी समस्याएं, सामाजिक व आर्थिक की जानकारी नहीं है. इसलिए इनकी जानकारी जुटाई जा रही है. डेमोसाइल को लेकर जाति प्रमाण पत्र उन्हें नहीं मिल रहे हैं. इस संबंध में धनबाद से उपायुक्त से मिल कर इसकी जानकारी लेंगे. जो समस्याएं आ रही हैं, उसका निबटारा किया जायेगा.
सिख मेहनती होते हैं, जल्दी मांगते नहीं
श्री राजा ने कहा कि अल्पसंख्यकों में मुसलमान ज्यादा सक्रिय होते हैं. वह अपने अधिकार को सरकार से ले लेते हैं. इस मामले से सिख समुदाय काफी दूर रहते हैं. सिख मेहनती होते हैं, जल्दी मांगते नहीं है. इस कारण योजनाओं व लाभों से वंचित रह जाते हैं, उन्हें जागरूक होना होगा. अपने अधिकारों के लिए आगे आना होगा. फिलहाल केंद्र व राज्य सरकार सिखों के लिए कई योजनाएं चला रही है.

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