इलाज के दौरान गर्भवती की मौत, गांव में हंगामा

कालूबथान: कालूबथान ओपी क्षेत्र के पिंड्राहाट गांव के मंटू गोराईं की 19 वर्षीया विवाहिता पुत्री कनी गोराईं की मौत मंगलवार की रात इलाज के दौरान पीएमसीएच में हो गयी. प्रसव कराने के लिए मायके वालों ने कई दिन पूर्व पीएमसीएच धनबाद में भरती कराया था. कनी गोराईं की मौैत के संबंध में बताया जाता है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2017 8:20 AM
कालूबथान: कालूबथान ओपी क्षेत्र के पिंड्राहाट गांव के मंटू गोराईं की 19 वर्षीया विवाहिता पुत्री कनी गोराईं की मौत मंगलवार की रात इलाज के दौरान पीएमसीएच में हो गयी. प्रसव कराने के लिए मायके वालों ने कई दिन पूर्व पीएमसीएच धनबाद में भरती कराया था. कनी गोराईं की मौैत के संबंध में बताया जाता है कि उसके गर्भ में जुड़वां बच्चा था.

बच्चों की मौत गर्भ में ही हो चुकी थी. इसी कारण कनी गोराईं गंभीर हो गयी और अंतत: उसकी जान चली गयी. इधर, जिप अध्यक्ष रोबिन गोराईं ने कहा कि पीएमसीएच प्रबंधन की लापरवाही के कारण उसकी मौत हुई है. अगर सीजर ऑपरेशन कर दोनों मृतक बच्चों को समय रहते निकाल लिया जाता तो महिला बच सकती थी. बुधवार की सुबह शव को लेकर महिला के मायके वाले पिंड्राहाट पहुंचे. ससुराल (बलियापुर के बाघमारा गांव) से लोग जैसे ही पिंड्राहाट पहुंचे माहौल काफी गुस्से में बदल गया. मृतका के परिजनों का आरोप था कि उसके ससुराल वाले बराबर दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करते थे. उसकी शादी तीन साल पहले श्यामल गोराईं के साथ हुई थी.

6-7 माह पूर्व एक बाइक की डिमांड के कारण उसे प्रताड़ित किया गया था. बाध्य होकर गर्भवती पुत्री को अपना घर लाना पड़ा. इधर जैसे ही सूचना जिला परिषद के अध्यक्ष रोबिन गोराईं को मिली, पहुंचे. बाघमारा पंचायत की मुखिया संगीत गोराईं, पिंड्राहाट पंचायत के मुखिया जलेश्वर मुर्मू और स्थानीय प्रबुद्ध लोगों को लेकर गांव में बैठक हुई. लगभग तीन घंटे तक चली बैठक में काफी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. ससुराल वाले प्रताड़ना की बात से इनकार कर रहे थे. हालांकि प्रबुद्ध व बुद्धिजीवियों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. मृतका के परिजनों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया. इसके बाद शव को लेकर उसके ससुराल वाले अंत्येष्टि के लिए बाघमारा ले गये.
डॉक्टरों की ओर से लापरवाही का मामला नहीं है. प्रसूता काफी कंप्लिकेशन के साथ यहां पहुंची थी. बचाने की पूरी कोशिश की गयी.
डॉ विकास राणा, प्रवक्ता, पीएमसीएच

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