पीएमसीएच का जीएनएम हॉस्टल खतरनाक घोषित

धनबाद : पीएमसीएच के जीएनएम (जेनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफ्री) हॉस्टल को आखिरकर सरकार ने भी खतरनाक मान लिया है. सरकार के आदेश पर भवन प्रमंडल विभाग की एक टीम ने हॉस्टल का निरीक्षण किया. टीम ने निरीक्षण के बाद दो मंजिला इस हॉस्टल को पूर्ण रूप से खतरनाक घोषित कर दिया. साथ ही यहां छात्राएं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 20, 2017 8:22 AM

धनबाद : पीएमसीएच के जीएनएम (जेनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफ्री) हॉस्टल को आखिरकर सरकार ने भी खतरनाक मान लिया है. सरकार के आदेश पर भवन प्रमंडल विभाग की एक टीम ने हॉस्टल का निरीक्षण किया. टीम ने निरीक्षण के बाद दो मंजिला इस हॉस्टल को पूर्ण रूप से खतरनाक घोषित कर दिया. साथ ही यहां छात्राएं या किसी भी प्रकार से लोगों के नहीं रहने की बात कही. इससे जाल-माल की क्षति की आशंका है. हाॅस्टल के अंदर ही स्कूल, कैंटिन, हॉस्टल, लाइब्रेरी व प्रशासनिक कार्यालय है.

टीम ने इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. इसकी एक कॉपी पीएमसीएच प्रबंधन को दी गयी है. अब पीएमसीएच प्रबंधन भी मुख्यालय को पत्र लिख कर इस बाबत अवगत करायेगा. सरकार नये जीएनएम हॉस्टल बनाने को लेकर गंभीर है. बता दें कि पिछले दिनों लगातार प्लास्टर गिरने से छात्राओं को कोर्ट मोड़ स्थित एएनएम हॉस्टल भेजा गया है. हालांकि छात्राओं को सामान, कई उपकरण व लाइब्रेरी अभी जीएनएम हॉस्टल में ही है. यहां सुरक्षा के लिए होमगार्ड के जवान को तैनात किया गया है.

भवन निर्माण निगम बनायेगा डीपीआर : भवन प्रमंडल विभाग के सचिव ने जर्जर जीएनएम हॉस्टल की जगह पर नये हॉस्टल बनाने का निर्देश दिया है. इसका डीपीआर बनाने का काम भवन निर्माण निगम को दिया गया है. निगम की एक टीम आकर जल्द डीपीआर तैयार करेगी. 50 लाख से ऊपर का काम भवन निर्माण निगम को करना है. वहं 50 लाख के नीचे का काम भवन प्रमंडल विभाग करेगा.
मानवाधिकार आयोग ने भी किया था केस दर्ज
जर्जर हॉस्टल को लेकर कई बार जीएनएम स्कूल की छात्राओं ने विरोध किया था. स्कूल प्रबंधन ने हॉस्टल की वीडियोग्राफी कराकर पीएमसीएच प्रबंधन व मुख्यालय को भेजा था, लेकिन लगभग पांच वर्षों तक छात्राओं को जर्जर हॉस्टल में रहना पड़ा. इस बाबत एक नागरिक ने मानवाधिकार आयोग में केस भी किया था.
जीएनएम हॉस्टल असुरक्षित है. एक टीम ने निरीक्षण के बाद पाया कि यहां रहने लायक जगह नहीं है. पीएमसीएच प्रबंधन व सरकार को इसकी सूचना दे दी गयी है.
पंकज कुमार, इइ, भवन प्रमंडल विभाग

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