सरकार की नीतियों के खिलाफ बैंक यूनियनों ने किया प्रदर्शन
धनबाद; सरकार की जन विरोधी नीति के खिलाफ बैंक यूनियन ने बुधवार को एसबीआइ धनबाद शाखा के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया. सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. सभा की अध्यक्षता कर रहे ईश्वर प्रसाद ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजीकरण करने, बैंकों का विलयीकरण करने, कॉरपोरेट घरानों का ऋण नहीं लौटाना व […]
धनबाद; सरकार की जन विरोधी नीति के खिलाफ बैंक यूनियन ने बुधवार को एसबीआइ धनबाद शाखा के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया. सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. सभा की अध्यक्षता कर रहे ईश्वर प्रसाद ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजीकरण करने, बैंकों का विलयीकरण करने, कॉरपोरेट घरानों का ऋण नहीं लौटाना व ग्राहकों पर सर्विस टैक्स बढ़ाने सहित कई मुद्दों को लेकर यूनाइटेड फोरम आंदोलनरत है.
सरकार मांगों पर विचार नहीं करती है तो आंदोलन और तेज होगा. सभा का संचालन यूएफबीयू के जिला संयोजक प्रभात चौधरी ने किया. सभा को एआइबीओसी के दिवाकर झा, आलोक रंजन सिन्हा, राजेंद्र प्रसाद, एआइबीइए के अर्जुन सिंह, एनके महाराज, एसके विश्वास, सुनील कुमार, एनसीबीइ के पीके मजुमदार, टीके मुखर्जी, बीइएफआइ के राणा घोष, देवाशीष वैद्य ने भी संबोधित किया. अंत में धन्यवाद ज्ञापन रवि सिंह ने किया.
12 कॉरपोरेट घरानों के पास तीन लाख करोड़ ऋण बकाया :यूएफबीयू के जिला संयोजक प्रभात चौधरी ने कहा कि 12 कॉरपोरेट घरानों के पास तीन लाख करोड़ का ऋण बकाया है. जिसे सरकार माफ करना चाह रही है. इन्हीं घरानों को लूट की छूट देने के साथ बैंकिंग व्यवस्था इनके हवाले करना चाह रही है. यूएफबीयू की मांग है कि एच्छिक ऋण चूककर्ताओं के खिलाफ अापराधिक मुकदमें दायर करने का प्रावधान बनाकर इनकी निजी संपत्ति से ऋणों की वसूली की जाये.
क्या है डिमांड : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को निजीकरण नहीं करना, बैंकों का विलयीकरण नहीं करना, कॉरपोरेट घरानों द्वारा ऋण नहीं लौटाने पर उनके खिलाफ अपराधिक मामला दायर करना, ग्राहकों पर सर्विस टैक्स नहीं बढ़ाना.
क्या-क्या लिया गया निर्णय : 22 अगस्त को एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल, 15 सितंबर को संसद भवन के समक्ष विशाल प्रदर्शन, अक्तूबर या नवंबर में दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल.