इसीएल की खदान में लगी आग पर काबू

धनबाद : केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) के वैज्ञानिकों ने इसीएल की खोटाडीह कोलियरी की भूमिगत खदान में वर्षों से लगी आग पर काबू पाने में सफलता पायी है. इससे कोलियरी के थिक सिम में फंसे करोड़ों के कोयले के दोहन का रास्ता साफ हो गया है. कैसे पाया आग पर काबू : […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2017 6:47 AM

धनबाद : केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर) के वैज्ञानिकों ने इसीएल की खोटाडीह कोलियरी की भूमिगत खदान में वर्षों से लगी आग पर काबू पाने में सफलता पायी है. इससे कोलियरी के थिक सिम में फंसे करोड़ों के कोयले के दोहन का रास्ता साफ हो गया है.

कैसे पाया आग पर काबू : इसीएल के पांडेश्वर एरिया की खोटाडीह ओसीपी के थिक सिम में वर्षों से आग लगी हुई थी. इसके चलते करोड़ों रुपये मूल्य के कोयले का दोहन नहीं हो पा रहा था.
इसीएल प्रबंधन ने इस आग पर काबू के लिए सिंफर से सहयोग मांगा. सिंफर के निदेशक डॉ पीके सिंह के निर्देश पर संस्थान के खान वायु संचार विभाग (माइंस वेंटिलेशन डिपार्टमेंट) की टीम खोटाडीह कोलियरी पहुंची. जुलाई 2016 में सिंफर माइंस वेंटिलेशन डिपार्टमेंट के मुख्य वैज्ञानिक डॉ एन सहाय के नेतृत्व में टीम ने खोटाडीह में काम शुरू किया. टीम में विभाग के डॉ पीके मंडल, एपी सिंह, डॉ एसके राय, डॉ एनके मोहालिक, देवाशीष मिश्र, हर्षित अग्रवाल, जी मंडल शामिल थे.
टीम ने पहले वहां कोयले का नमूना ले कर ज्वलनशील तापमान का अध्ययन किया. इसके बाद सीएफडी तकनीक से कोयले की ज्वलनशीलता में कमी लाने का प्रयास किया. यह तकनीक सफल रही. खोटाडीह के आर सिक्स सिम से अब कोयला निकाला जा रहा है. स्टॉक के 80 प्रतिशत कोयला के दोहन का रास्ता साफ हो गया है.
सिंफर ने सीएफडी तकनीक से बुझायी आग
तीन कंपनियों के थिक सिम में फंसा है कोयला
कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियां इसीएल, डब्ल्यूसीएल तथा सिंगरौनी में थिक सिम में कोयला फंसा हुआ है. इस तकनीक का उपयोग कर दूसरे खदानों में कोयला दोहन हो सकता है.
इसीएल प्रबंधन ने सराहा : इसीएल पांडेश्वर एरिया के महाप्रबंधक पीआर मित्तल ने सिंफर के निदेशक को पत्र भेज कर थिक सिम में लगी आग को सफलतापूर्वक बुझाने तथा कोयला दोहन को सरल बनाने के लिए धन्यवाद दिया है. पत्र में इस कार्य में लगे पूरी टीम को बधाई दी गयी है. कहा कि इससे देश को लाभ होगा.
वैज्ञानिकों का काम सराहनीय
सिंफर के वैज्ञानिकों ने इसीएल के खोटाडीह में बहुत सराहनीय कार्य किया है. सीएफडी तकनीक नयी तकनीक है. इस तकनीक से कोयला को जलने से रोका जा सकता है. संस्थान के वैज्ञानिक नित्य नयी चुनौतियों से निबटने में कामयाबी पा रहे हैं.
डॉ पीके सिंह, निदेशक, सिंफर.

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