डेंगू फैला तो भगवान भरोसे कोयलांचल

धनबाद : डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक जिले में ठोस तैयारी नहीं की गयी है. धनबाद में अभी सदर अस्पताल नहीं होने के कारण पीएमसीएच को ही इसकी तैयारी करनी पड़ती है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण इस वर्ष भी डेंगू के मरीजों को बाहर का रुख करना पड़ेगा. बता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 8, 2017 9:51 AM
धनबाद : डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक जिले में ठोस तैयारी नहीं की गयी है. धनबाद में अभी सदर अस्पताल नहीं होने के कारण पीएमसीएच को ही इसकी तैयारी करनी पड़ती है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण इस वर्ष भी डेंगू के मरीजों को बाहर का रुख करना पड़ेगा. बता दें कि पिछले वर्ष कोयलांचल में दो दर्जन से अधिक लोग डेंगू के शिकार हुए थे. मरणासन्न अवस्था में ऐसे मरीज बोकारो, रांची, कोलकाता या अन्य जगह रेफर किये जाते हैं.
प्लेट्सलेट्स के लिए होना पड़ेगा रेफर, नहीं खरीदी गयी मशीन
पीएमसीएच प्रबंधन ने पीजी की पढ़ाई के लिए एमसीआइ को आवेदन दिया था, लेकिन यहां ब्लड कंपोडेंट्स मशीन नहीं होने काे एक बड़ा कारण मानकर एमसीआइ ने मान्यता नहीं दी थी. एमसीआइ ने अप्रैल 2017 में जल्द मशीन खरीदने का निर्देश दिया था. वहीं सरकार के निर्देश के बाद भी पीएमसीएच प्रबंधन ने मशीन नहीं खरीदी. इसके पीछे कुछ चिकित्सकों के मतभेद बताया जा रहा है. बता दें कि डेेंगू के मरीज को रक्त के प्लेट्सलेट्स को चढ़ाना पड़ता है. प्लेट्सलेट्स ही डेंगू मरीज के लिए संजीवनी होती है. इसके लिए ब्लड कंपोडेंट्स मशीन बेहद जरूरी है. पीएमसीएच में चार वर्ष से इसकी मांग हो रही है. वहीं पिछले वर्ष बने आइसोलेशन वार्ड पर ताला लगा है.
धनबाद के एक दर्जन इलाके संवेदनशील
बरसात का पानी सितंबर में खत्म हो जाता है. कई जगहों पर पानी ठहर जाता है. इसी पानी में डेंगू के मच्छर पनपते हैं. पिछले वर्ष काफी संख्या में मरीजों के मिलने से स्वास्थ्य विभाग ने दो दर्जन इलाकों को संवेदनशील माना था. इनमें धनसार का न्यू दिल्ली कॉलोनी, मटकुरिया, धैया, मनइटांड़, टुंडी, तोपचांची, कतरास, बाघमारा व झरिया आदि शामिल हैं.
कैसे होता है डेंगू
डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है. इस मच्छर के काटने से बुखार हो जाता है. तत्काल यह मात्र सामान्य बुखार की तरह ही होता है, लेकिन एनएस वन व एलाइजा टेस्ट के बाद डेंगू पता चल जाता है. इसमें रक्त में मौजूद प्लेट्लेट्स तेजी से घटने लगता है. मरीज गंभीर होने लगता है. डेंगू के मच्छर कूलर, नालों , सड़क आदि में जमे पानी में पैदा होते हैं.
डेंगू को लेकर जरूरी उपकरण खरीदे जा रहे हैं. आइसोलेशन वार्ड बने हुए हैं. जो कमियां हैं उसे दूर किया जा रहा है.
डॉ विकास राणा, प्रवक्ता, पीएमसीएच.

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