10 में दो ही शिक्षक बच्चों को कक्षा में पढ़ाते मिले
धनबाद: बच्चे बड़े होकर डॉक्टर, इंजीनियर या पायलट बनना चाहते हैं, लेकिन धनबाद शहर में स्थित जगजीवन नगर स्थित वरीय बुनियादी स्कूल के नौनिहालों का भविष्य भगवान भरोसे है. यहां कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक पढ़ाई होती है. सभी कक्षा के लिए शिक्षक हैं. अलग से बीएड के छात्र-छात्राआें को भी लगाया गया है, […]
धनबाद: बच्चे बड़े होकर डॉक्टर, इंजीनियर या पायलट बनना चाहते हैं, लेकिन धनबाद शहर में स्थित जगजीवन नगर स्थित वरीय बुनियादी स्कूल के नौनिहालों का भविष्य भगवान भरोसे है. यहां कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक पढ़ाई होती है. सभी कक्षा के लिए शिक्षक हैं. अलग से बीएड के छात्र-छात्राआें को भी लगाया गया है, लेकिन स्कूल में बच्चे पढ़ाई करने की जगह उछल-कूद करते मिले. जब कक्षा में शिक्षक ही नहीं हो तो बच्चे भी क्या करें.
आठ कक्षाएं और पढ़ाई मात्र दो में: स्कूल में कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक की पढ़ाई होती है. प्रभात खबर की टीम साढ़े बारह बजे स्कूल पहुंची. यहां आठ कक्षाओं में से मात्र दो कक्षाएं चल रही थी. पांचवीं कक्षा के बच्चे बरामदा में बैठ कर पढ़ रहे थे. शिक्षिका पिंकी कुमारी बच्चों को पढ़ा रही थी. आठवां कक्षा में शिक्षिका सविता कुमारी प्रसाद बच्चों को संस्कृत पढ़ा रही थी, लेकिन इसके अलावा छह कक्षा के बच्चे स्कूल में धमा-चौकड़ी मचाते दिखे.
वरीय बुनियादी स्कूल, जगजीवन नगर का हाल
पांच शिक्षकों के बारे में नहीं मिला कोई संतोषजनक जवाब
स्कूल की प्रधानाचार्य मीरा कुमारी ने बताया कि उन्हें लेकर स्कूल में 10 शिक्षक हैं. इसमें एक ट्रेनिंग, दो छुट्टी पर, एक शिक्षिका मातृत्व अवकाश पर हैं. जबकि यहां पर नौ बीएड के छात्र-छात्राएं भी बच्चों को पढ़ाने आते हैं. मंगलवार को चार छात्र ही आये हैं. अन्य पांच शिक्षकों के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
कोई खिड़की से भागा तो कोई बेंच पर जा चढ़ा
स्कूल की छह कक्षाआें में कोई शिक्षक मौजूद नहीं थे. ऐसे में सभी बच्चे खेल में मस्त थे. कुछ बच्चे टूटी खिड़की के रास्ते भाग गये और कुछ चिढ़ाने लगे. वहीं कुछ बच्चे डेस्क के ऊपर चढ़ गये. बच्चों ने बताया कि शिक्षक नहीं आये हैं तो पढ़ाई कैसे करें. कक्षा चौथी व छठी के बच्चों ने बताया कि पहली घंटी में एक शिक्षक आये थे, लेकिन उसके बाद कोई नहीं आया. बीएड के छात्र गप लड़ाने में मशगूल थे