आइआइटी आइएसएम: इन्नोवेटिव आइडिया है तो आपका स्वागत

धनबाद: स्टार्टअप के लिए कोई इन्नोवेटिव आइडिया लेकर आना चाहते हैं तो उनकी मदद की जायेगी. एमएसएमइ ऐसे स्टूडेंट्स के लिए हमेशा तैयार है. ये बातें मिनिस्ट्री फॉर स्मॉल एंड माइक्रो इंटरप्राइजेज(एमएसएमइ) के निदेशक पंकज कुमार ने कही. वे शनिवार को आइआइटी आइएसएम, धनबाद में आयोजित सैटरडे स्टार्टअप को संबोधित कर रहे थे. यह आयोजन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2017 12:39 PM
धनबाद: स्टार्टअप के लिए कोई इन्नोवेटिव आइडिया लेकर आना चाहते हैं तो उनकी मदद की जायेगी. एमएसएमइ ऐसे स्टूडेंट्स के लिए हमेशा तैयार है. ये बातें मिनिस्ट्री फॉर स्मॉल एंड माइक्रो इंटरप्राइजेज(एमएसएमइ) के निदेशक पंकज कुमार ने कही. वे शनिवार को आइआइटी आइएसएम, धनबाद में आयोजित सैटरडे स्टार्टअप को संबोधित कर रहे थे. यह आयोजन हर महीने के द्वितीय शनिवार को झारखंड के चार रांची, जमशेदपुर, धनबाद व बोकारो में से किसी एक शहर में होता है. इससे पहले यह कार्यक्रम जमशेदपुर में हुआ था. कार्यक्रम में वक्ता के रूप में केडीएनआर टैक्स सोल्यूशन के निदेशक राहुल कुमार सिंघानिया व कन्हैया अग्रवाल और हेडस्टार्ट की ओर से झारखंड चैप्टर की हेड इंदु रानी थीं. इसमें स्टार्टअप कम्युनिटी से 15 लोगों ने भाग लिया.
काम शुरू करने के वक्त ही जीएसटी जरूरी : श्री सिंघानिया ने जीएसटी के विभिन्न सेगमेंट्स के बारे में बताया. मसलन एस-जीएसटी, सी-जीएसटी, आइ-जीएसटी, किस परिस्थिति में कौन से कर लगते हैं आदि की जानकारी दी. यह भी बताया कि स्टार्ट अप को किस फेज में रजिस्ट्रेशन की जरूरत पड़ती है. कहा कि किसी भी तरह की इ-कॉमर्स कंपनी को अपने काम शुरू करने के वक्त ही जीएसटी लेना अनिवार्य है. जो एक से दूसरे राज्य में अपना व्यवसाय करते हैं, उनके लिए भी जीएसटी अनिवार्य है. 20 लाख से अधिक रेवेन्यू होने पर भी जीएसटी अनिवार्य हो जाता है.
कंपोजिट स्कीम में कस्टमर को नहीं लगता कोई टैक्स
श्री अग्रवाल ने कहा कि एक से 10 तारीख तक के बीच जीएसटी आर वन फाइल करना होता है. 11-15 के बीच जीएसटी आर टू फाइल करना होता है. वहीं महीने के अंत में जीएसटी आर 9 फाइल करना होता है. निर्धारित तिथि खत्म हो जाने पर हर एक दिन के लिए 100 रुपये अतिरिक्त देने होते हैं. कंपोजिट स्कीम के बारे में बताया कि वह 75 लाख से कम के रेवेन्यू पर लागू होता है. इसका लाभ रेस्टूरेंट, ट्रेडिंग व मैन्यूफेक्चरिंग वाले ही ले सकते हैं. मैन्यूफैक्चरिंग वालों को दो, ट्रेनिंग वालों को एक एवं रेस्टूरेंट वालों को पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है. कंपोजिट स्कीम में कस्टमर से कोई कर नहीं चार्ज किया जा सकता है. कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन में विभिन्न कंपनियों के पंजीकरण की जानकारी दी गयी. बताया गया कि कौन से दस्तावेज लगते हैं और कौन कौन से कानूनी प्रावधान हैं. मौके पर टोवेसो के सौरभ कुमार समेत कई स्टूडेंट्स मौजूद थे.

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