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डीएसइ ने बीइइओ व स्कूलों को लिखा पत्र

धनबाद: जिला शिक्षा विभाग विभिन्न सरकारी स्कूलों में एमडीएम बना रहीं 307 रसोइया को हटाने की तैयारी में जुट चुका है. इसको लेकर डीएसइ बांके बिहारी सिंह ने सभी क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारियों, बीइइओ, अवर विद्यालयी निरीक्षिका एवं स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को पत्र लिखा है. कहा है कि स्कूलों में पहली-आठवीं कक्षा में बच्चों को एमडीएम […]

धनबाद: जिला शिक्षा विभाग विभिन्न सरकारी स्कूलों में एमडीएम बना रहीं 307 रसोइया को हटाने की तैयारी में जुट चुका है. इसको लेकर डीएसइ बांके बिहारी सिंह ने सभी क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारियों, बीइइओ, अवर विद्यालयी निरीक्षिका एवं स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को पत्र लिखा है.

कहा है कि स्कूलों में पहली-आठवीं कक्षा में बच्चों को एमडीएम दिया जाता है. पका भोजन तैयार करने के लिए हर स्कूल में रसोइया की व्यवस्था है, जिन्हें एक हजार रुपये का प्रतिमाह मानदेय दस महीनों के लिए दिया जाता है. इसमें 750 रुपये केंद्र एवं 250 रुपये राज्य सहयोग करती है. वित्तीय वर्ष 2013-14 में भारत सरकार द्वारा 4015 रसोइया का प्रावधान बजट में किया गया है और इसी अनुसार राशि भी मिली है. मार्च 2014 में एमडीएम योजना मद में राशि निर्गत करने के लिए जो रिपोर्ट मिले हैं, उसमें 4322 रसोइया कार्यरत हैं और उन्हें मानदेय का भुगतान भी होता रहा है.

इस तरह अतिरिक्त 307 रसोइया के मानदेय पर खर्च की राशि 30 लाख 70 हजार रुपये का भुगतान दूसरे मद (कुकिंग कॉस्ट आदि ) से की जाती रही. यह एक गंभीर वित्तीय अनियमितता का मामला है. इससे स्पष्ट होता है कि स्कूलों में निर्धारित मानदंड से अधिक रसोइया रखीं गयी हैं और उन्हें मानदेय का भुगतान किया गया है. इसके लिए विशुद्ध रूप से स्कूल प्रधान दोषी हैं, लेकिन संबंधित बीइइओ भी इसके लिए दोषमुक्त नहीं किये जा सकते. इस योजना के अनुश्रवण की जिम्मेवारी बीइइओ पर ही होती है.

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