यही नहीं अभिभावक खुद भी हेलमेट नहीं पहनते, फिर बच्चों को क्या और कैसे समझायेंगे. कुछेक अभिभावक ही हेलमेट के साथ दिखे. प्रभात खबर ने गुरुवार को कार्मेल स्कूल, धनबाद का जायजा लिया तो ऐसी बातें सामने आयी. यह हालत शहर के किसी एक स्कूल की नहीं, बल्कि सभी स्कूलों की यही कहानी है. जहां बच्चे प्रतिदिन बाइक-स्कूटी चला कर स्कूल आते-जाते हैं. हालांकि जिला परिवहन विभाग ने महीनों पहले ही स्कूलों के प्रिंसिपल को पत्र लिख कर स्कूल स्तर पर बच्चों को वाहन चलाने से रोकने का निर्देश दिया है.
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बाइक और स्कूटी सरपट भगा रहे स्कूली बच्चे
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धनबाद: सरकार भले ही देश भर में यातायात जागरूकता सप्ताह चला रही हो, लेकिन वर्तमान और आनेवाली पीढ़ी को सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ा पाना आसान नहीं है. स्कूली बच्चे सरपट वाहन दौड़ा कर स्कूल पहुंच रहे हैं. उनके पास न लाइसेंस तो है, न वे हेलमेट पहनना ही जरूरी समझते हैं. ऐसे स्टूडेंट्स को […]

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धनबाद: सरकार भले ही देश भर में यातायात जागरूकता सप्ताह चला रही हो, लेकिन वर्तमान और आनेवाली पीढ़ी को सड़क सुरक्षा का पाठ पढ़ा पाना आसान नहीं है. स्कूली बच्चे सरपट वाहन दौड़ा कर स्कूल पहुंच रहे हैं. उनके पास न लाइसेंस तो है, न वे हेलमेट पहनना ही जरूरी समझते हैं. ऐसे स्टूडेंट्स को अभिभावकों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है.
ड्राइविंग लाइसेंस के नियम : स्थायी लाइसेंस लेने के लिए लर्नर्स लाइसेंस अनिवार्य है. 50 सीसी क्षमता व बिना गियर वाले वाहन (निजी मोटर) के लिए लर्नर्स लाइसेंस प्राप्त करने की पात्रता 16 वर्ष (यदि आवेदक के माता-पिता या अभिभावक अपनी सहमति देते हैं) और निजी मोटर वाहन चलाने के लिए स्थायी लाइसेंस प्राप्त करने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है. लर्नर्स लाइसेंस केवल छह माह के लिए वैध होता है. स्थायी लाइसेंस लर्नर्स लाइसेंस जारी होने के केवल एक माह के बाद ही लिया जा सकता है.
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