पर्यावरण संरक्षण को तेजी से कदम उठाने की वकालत
धनबाद : दी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स इंडिया, धनबाद लोकल सेंटर के तत्वावधान में डीजीएमएस के ऑडिटोरियम में गुरुवार से दो दिवसीय 33वां खनन पर्यावरण अभियंत्रण पर नेशनल कन्वेंशन प्रारंभ हुआ. इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के सैकड़ों प्रतिनिधि शामिल हुए. उद्घाटन मुख्य अतिथि खान सुरक्षा महानिदेशालय के महानिदेशक प्रशांत कुमार सरकार व धनबाद उपायुक्त ए […]
धनबाद : दी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स इंडिया, धनबाद लोकल सेंटर के तत्वावधान में डीजीएमएस के ऑडिटोरियम में गुरुवार से दो दिवसीय 33वां खनन पर्यावरण अभियंत्रण पर नेशनल कन्वेंशन प्रारंभ हुआ. इसमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के सैकड़ों प्रतिनिधि शामिल हुए. उद्घाटन मुख्य अतिथि खान सुरक्षा महानिदेशालय के महानिदेशक प्रशांत कुमार सरकार व धनबाद उपायुक्त ए दोड्डे सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया. वक्ताओं ने पर्यावरण को तेजी से हो रहे नुकसान पर गहरी चिंता जताते हुए पर्यावरण संरक्षण को लेकर तेजी से कदम उठाने की अपील की. साथ ही अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग तथा कड़े कानून बनाने की बात कही.
सेमिनार में किसने क्या कहा : डीजीएमएस के उप महानिदेशक बीपी सिंह ने कहा कि खनन के कारण ही यहां का जन-जीवन प्रभावित हो रहा है. प्रदूषण से बचाव के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाने की आवश्यकता है. सिंफर के पूर्व निदेशक डॉ टीएन सिंह ने कहा कि धनबाद के लिए प्रदूषण बड़ी समस्या है. डीजीएमएस के उप महानिदेशक (यांत्रिक) डीबी नायक ने ऐसे सेमीनार को समय की मांग बताया. कन्वेनर अालोक सिन्हा ने स्वच्छ पर्यावरण को जरूरी बताया. कोलकाता आइइ के अध्यक्ष संजय सेन ने संस्था के क्रियाकलापों पर प्रकाश डाला. डीजीएमएस (मध्य जोन) के उप महानिदेशक (खनन) के नागेश्वर राव ने पर्यावरण नियमों को सख्ती से लागू करने की बात कही. उप महानिदेशक(विद्युत) बीएल कांता राव ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता, उप महानिदेशक (खनन) बीपी सिंह ने मानव जीवन पर पर्यावरण के दुष्प्रभाव पर प्रकाश डाला.
जलवायु प्रदूषण तथा प्रबंधन पर विचार गोष्ठी : सेमिनार की द्वितीय पाली में जलवायु प्रदूषण तथा प्रबंधन पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें प्रोफेसर गुरदीप सिंह, सीआर कुमार आदि ने हिस्सा लिया. इसके अतिरिक्त एनवी मोदक मेमोरियल लेक्चर प्रोफेसर वीपी शर्मा के द्वारा दिया गया.
ये है स्पांसर : सेमिनार के स्पांसर कोल इंडिया, ओएनजीसी, एससीसीएल, एचसीएल, हिंदुस्तान जिंग, वॉलवो, एनएमडीसी, एनटीपीसी हैं. संचालन रूचीर श्रीवास्तव ने किया. अभियंता अजीत कुमार व निरंजन कुमार ने अतिथियों का परिचय कराया.
ओबी खतरनाक : सीएमडी
एसइसीएल, विलासपुर के सीएमडी बीआर रेड्डी ने कहा कि खनन और विस्फोटन की वर्तमान तकनीक से धरती कमजोर हो रही है. उन्होंने खनन व ओवर बर्डेन (ओबी) को पर्यावरण के लिए खतरनाक बताया. कहा कि कोयला हो या पत्थर इसकी धूल खतरनाक होती है.
जागरूकता जरूरी : डीसी
उपायुक्त ए दोड्डे ने पर्यावरण के बिगड़ते हालत पर चिंता जताते हुए कहा कि तकनीक के उपयोग से इसमें सुधार लाया जा सकता है. कहा कि प्रौद्योगिकी के उत्थान में खनन उद्योग की भूमिका जहां महत्वपूर्ण है, वहीं खनन उद्योग से पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाना भी उतना ही जरूरी है. कोयलांचल की आबोहवा में सल्फर डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड निकलने से जो अम्लीय बारिश हो रही है, उससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी प्रभावित हो रही है.
डीजीएमएस पर अहम जिम्मेवारी : डीजी
मुख्य अतिथि खान सुरक्षा महानिदेशालय के महानिदेशक प्रशांत कुमार सरकार ने कहा कि डीजीएमएस पर खान सुरक्षा की अहम जिम्मेवारी है. इसको लेकर समय-समय पर खदानों का निरीक्षण भी किया जा रहा है. जहां तक खनन से पर्यावरण को खतरे की बात है, तो अगर खनन के बाद खुली खदानों को भर कर लेबल कर दिया जाय तो प्रदूषण नहीं फैलेगा. सतही मृदा को बचाने के लिए उन्होंने खस, लेमन ग्रास और पौधे लगाने की नसीहत दी.