चिल्ड्रेन पार्क में करें डाक साज प्रतिमा का दर्शन
धनबाद: चिल्ड्रेन पार्क, हीरापुर में 2015 से पारंपरिक दुर्गा पूजा की शुरुआत हुई. बंगाली वेलफेयर सोसाइटी ने पूजा की शुरुआत की थी. सादगी और पारंपरिक पूजा के लिए षष्टी तिथि से मां का आह्वान किया जाता है. सोसाइटी के सदस्य कंचन दे बताते हैं कि इस बार पूजा पंडाल और प्रतिमा दोनों ही थीम सबसे […]
धनबाद: चिल्ड्रेन पार्क, हीरापुर में 2015 से पारंपरिक दुर्गा पूजा की शुरुआत हुई. बंगाली वेलफेयर सोसाइटी ने पूजा की शुरुआत की थी. सादगी और पारंपरिक पूजा के लिए षष्टी तिथि से मां का आह्वान किया जाता है. सोसाइटी के सदस्य कंचन दे बताते हैं कि इस बार पूजा पंडाल और प्रतिमा दोनों ही थीम सबसे अलग है. इस बार मां की डाक साज प्रतिमा पूजा स्थल पर विराजेगी. साथ ही आज का बचपन कंप्यूटर की दुनिया में सिमट गया है. अब बच्चे पारंपरिक खेल लूडो, कैरम, पिट्टो, गिल्ली डंडा आदि मनोरंजक आउटडोर गेम भूल ही गये हैं. बचपन को वापस जीने के लिए पंडाल को इन्हीं गेमों से सजाया जा रहा है, ताकि पिछला जेनरेशन अपना बचपन याद करे और अभी का जेनरेशन गेम को देख जानने का प्रयास करे यह कौन-सा गेम है.
काको मठ के पुरोहित बंगाली रीति से पूजा संपन्न कराते हैं. सजावट डेकोरेटर द्वारा पंडाल व दिलीप इलेक्ट्रिक द्वारा आकर्षक विद्युत सज्जा की जायेगी. बांकुड़ा से ढाकी आ रहे हैं. हरि किस्टो पाल द्वारा मां की प्रतिमा बनायी जा रही है.विजया दशमी को सिंदूर खेला के साथ मां को पारंपरिक विदाई दी जाती है. जेसी मल्लिक खोखन तालाब में मां की प्रतिमा विसर्जित की जाती है.