मिलने लगे डेंगू के लार्वा, इस वर्ष भी तैयारी नहीं

धनबाद : डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक कोई ठोस तैयारी जिले में नहीं की गयी है. धनबाद में अभी सदर अस्पताल नहीं होने के कारण पीएमसीएच को ही इसकी तैयारी करनी पड़ती है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण पीएमसीएच में भी पुख्ता तैयारी नहीं है. लिहाजा इस वर्ष भी डेंगू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2017 10:18 AM
धनबाद : डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक कोई ठोस तैयारी जिले में नहीं की गयी है. धनबाद में अभी सदर अस्पताल नहीं होने के कारण पीएमसीएच को ही इसकी तैयारी करनी पड़ती है, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण पीएमसीएच में भी पुख्ता तैयारी नहीं है. लिहाजा इस वर्ष भी डेंगू के मरीजों को बाहर का रुख लेना पड़ेगा. बता दें कि पिछले वर्ष कोयलांचल में दो दर्जन से अधिक लोग डेंगू के शिकार हुए थे. लेकिन मरणासन्न अवस्था में उन्हें बोकारो, रांची, कोलकाता या दूसरी जगह ही रेफर किये गये.
कंटेनर सर्वे शुरू, शहर में मिल रहे लार्वा : डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्रखडों में कंटेनर सर्वे शुरू कराया है. शहर की चार जगहों पर डेंगू मच्छर के लार्वा मिले हैं. जगजीवन नगर, वासेपुर, जयप्रकाश नगर व बरटांड़ की कई जगहों में लार्वा पाये जाने से विभाग भी सकते में हैं. जांच के लिए पीएमसीएच को एलाइजा कीट मुहैया कराये गये हैं.
प्लेट्सलेट्स के लिए होना पड़ेगा रेफर, नहीं खरीदी गयी मशीन : पीएमसीएच प्रबंधन ने पीजी की पढ़ाई के लिए एमसीआइ को आवेदन दिया था, लेकिन यहां ब्लड कंपोडेंट्स मशीन नहीं होने का एक बड़ा कारण मानकर एमसीआइ ने मान्यता नहीं दी थी. एमसीआइ ने अप्रैल 2017 में जल्द मशीन क्रय का निर्देश दिया था. वहीं सरकार ने भी निर्देश दिये थे, लेकिन पीएमसीएच प्रबंधन ने मशीन नहीं क्रय किया है. मशीन नहीं क्रय होने के पीछे कुछ चिकित्सकों के मतभेद बताये जा रहे हैं. बता दें कि डेेंगू के मरीज को रक्त के प्लेट्सलेट्स को चढ़ाना पड़ता है. प्लेट्सलेट्स ही डेंगू के मरीज के लिए संजीवनी होते हैं. इसके लिए ब्लड कंपोडेंट्स मशीन बेहद जरूरी है. पीएमसीएच में चार वर्ष से इसकी मांग हो रही है. वहीं पिछले वर्ष बने आइसोलेशन वार्ड पर ताले लगे हैं.
धनबाद के एक दर्जन इलाका संवेदनशील
बरसात का पानी सितंबर में खत्म हो जाता है. कई जगहों पर यह पानी ठहर जाता है, यहीं पानी डेंगू के मच्छरों के पनपने का सबसे बड़ा श्रोत होता है. पिछले वर्ष काफी संख्या में मरीज के मिलने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने दो दर्जन इलाका को संवेदनशील माना था. धनसार के न्यू दिल्ली, मटकुरिया, धैया, मनइटांड़, टुंडी, तोपचांची, कतरास, बाघमारा व झरिया को संवेदनशील माना जाता है.
डेंगू को लेकर पीएमसीएच को निर्देश दिये गये हैं. वहां अाइसोलेशन वार्ड बनाना है. अन्य जानकारी अस्पताल प्रबंधन से ली जा रही है. डेंगू को लेकर प्रचार-प्रसार किये जा रहे हैं.
डॉ आशा एक्का, सिविल सर्जन, धनबाद

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