नारी के प्रति अपनी सोच बदलने की जरूरत

धनबाद: ‘इस सभ्य समाज में नारी इतनी पीड़ित क्यों है, क्या नारी को हमारा समाज एक उचित स्थान एवं सम्मान नहीं दे सकता. कहने को तो हम 21वीं सदी का भारत कहते हैं, लेकिन आज भी नारी वही पुराने दिनों की तरह कहीं-न-कहीं शोषित व पीड़ित है. आये दिन नारी के साथ अत्याचार व बलात्कार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2017 9:01 AM
धनबाद: ‘इस सभ्य समाज में नारी इतनी पीड़ित क्यों है, क्या नारी को हमारा समाज एक उचित स्थान एवं सम्मान नहीं दे सकता. कहने को तो हम 21वीं सदी का भारत कहते हैं, लेकिन आज भी नारी वही पुराने दिनों की तरह कहीं-न-कहीं शोषित व पीड़ित है. आये दिन नारी के साथ अत्याचार व बलात्कार जैसी घटनाएं घट रही है. इसलिए समाज के सोच को बदलने की जरूरत है.’

कुछ इसी तरह का संदेश बुधवार को श्रीश्री सूर्यदेव सिंह स्मृति गुरुकुलम के स्टूडेंट्स ने अपने नुक्कड़-नाटक के मंचन से दिया. नुक्कड़- नाटक के माध्यम से स्टूडेंट्स ने घटनाओं के मद्देनजर नेताओं व प्रशासन पर कटाक्ष भी किया. नुक्कड़-नाटक का शीर्षक ‘नारी सशक्तीकरण था. नुक्कड़ नाटक के मंचन में छात्र-छात्राआें का उत्साह देखते बनता था.

स्कूल की आेर से लोगों को जागरूक करने के लिए आये दिन ऐसे कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. नुक्कड़-नाटक में छात्रा सांभवी सिंह, नंदिनी, रुकैया इशरत, एकता सरोज, रागिनी गुप्ता, राहुल सेन, अभिषेक कुमार, बिट्टू साव, हिमांशु, चैलेंजन विन, बिट्टू, सौरभ, सूरज गुप्ता, आशुतोष रावत, प्रीति, अंजलि राज, रिजवान आदि शामिल थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में देवप्रिया कुंडू, मांटी, नागेश्वर सिंह की भी अहम भूमिका रही.

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